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27 September 2025 |
महासभा के पदाधिकारियों ने किया ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम मल्लिकार्जुन के दर्शन |
अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के 30 वे सत्र की सप्तम कार्य समिति बैठक का आयोजन हैदराबाद में किया गया। एवं इस अवसर पर सभापति श्री संदीप काबरा, महामंत्री अजय काबरा, उषा काबरा, कार्य समिति सदस्य लोकेंद्र करवा, भारती करवा, कार्यकारिणी सदस्य संपत तोषनीवाल आदि ने दक्षिण भारत की ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम मल्लिकार्जुन के दर्शन का लाभ उठाया। |
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27 September 2025 |
जोधपुर शहर माहेश्वरी महिला संगठन पूर्वी क्षेत्र द्वारा गरबा रास 2025 का आयोजन किया गया |
संगठन कोषाध्यक्ष संजू सोनी और उपाध्यक्ष सूर्यकांत डागा ने समाज की महिलाओं और कन्याओं के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गरबा रास का धूमधाम से आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि शेफाली सांखला थाना अधिकारी नागोरी गेट और विशिष्ट अतिथि रामकिशोर भट्टड, फूलकौर मूंदड़ा और ममता बाहेती थे। दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की गई, माता रानी के जयकारे के साथ ही कार्यक्रम का आगाज किया गया। संयोजक मंजू डागा, सहसंयोजक रंजीता बूब, वीणा सोनी और रेखा आदि ने कार्यक्रम संचालन बहुत ही सुंदर तरीके से किया। उपहार की बौछार ललिता धुत और निर्मला सोनी के द्वारा की गई। संगीता सोनी और सुनीता लढ्ढा ने बताया पिछले 10 दिनों से प्रशिक्षण शिविर में 70 से 80 महिलाओं ने और बालिकाओं ने प्रशिक्षण लिया। समाज के मंत्री नंदकिशोर शाह ने संगठन की सभी महिलाओं का उत्साह वर्धन किया और ऐसी भक्ति और शक्ति पर आधारित कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया। |
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27 September 2025 |
माहेश्वरी महिला मंडल श्रीबालाजी (नागौर) की नवीन कार्यकारिणी का गठन |
दिनांक 21 सितंबर को माहेश्वरी महिला मंडल श्रीबालाजी (नागौर) द्वारा शशिकला लढ्ढा संगठन अध्यक्ष मध्य राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन, शोभा माहेश्वरी अध्यक्ष नागौर जिला माहेश्वरी महिला संगठन एवं प्रमिला बंग सचिव नागौर महिला संगठन के श्रीबालाजी आगमन पर स्वागत किया गया और अपनी गतिविधियों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर सबने एकमत से संगीता तापडिय़ा अध्यक्ष, विमला चितलांगिया सचिव, पुष्पा तापडिय़ा कोषाध्यक्ष, सुधा तापडिय़ा संगठन मंत्री, कृष्णा तापडिय़ा सहसचिव, निशा तापडिय़ा उपाध्यक्ष, तारा चितलांगिया सांस्कृतिक मंत्री, सोदरा चितलांगिया प्रचार मंत्री एवं सुनीता चांडक को क्रीड़ा मंत्री पदों के लिए तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना। |
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24 September 2025 |
दुर्गा आराधना पर्व : नवरात्रि - डॉ. रीना रवि मालपानी |
माँ की महिमा, वात्सल्य एवं स्नेह तो शब्दों से परे है। माँ की सृजन शक्ति अतुलनीय है। माँ का त्याग, समर्पण और प्रेम अद्वितीय है। ऐसी ही जगतमाता, जगदंबा, भगवती हमारे कल्याण के लिए नवरात्रि में शक्ति की आराधना के उत्सव पर्व में गज पर सवार होकर पधार रही है। शिव सदैव शक्ति के साथ अपनी पूर्णता से सुशोभित होते है। वे अर्धनारीश्वर स्वरूप में स्त्री सम्मान को प्रदर्शित करते है। प्रत्येक ईश्वरीय सत्ता में हमें नारी के प्रति समभाव दिखाई देता है, फिर चाहे वह राधे-कृष्ण हो, सीता-राम हो, उमा-शंकर हो या लक्ष्मी-नारायण स्वरूप हो। उच्चारण में भी नारी को ही प्रथम स्थान दिया गया है।माँ की करुणा तो सदा भक्तो के लिए मंगलकारी होती है। माँ भी सदैव सृष्टि के संचालन को सुचारु रूप से चलाने के लिए ईश्वर के साथ लीलाओं में सहयोगी होती है। सती का रूप धारण कर माँ भक्तों के लिए 51 शक्ति पीठों के रूप में आशीर्वाद प्रदान करने के लिए विराजमान हो गई और प्रत्येक भक्त के लिए माँ ने भिन्न-भिन्न स्थानो को चयनित किया। माँ तो सर्वत्र विद्यमान है। माँ का न तो आदि है न अंत। दयामयी, कृपालु माँ तो अंत में भैरव को भी क्षमा कर अपने दर्शन में सहज रूप में सम्मिलित करती है। इतनी उदारता तो केवल माँ के स्वभाव में भी परिलक्षित हो सकती है। माँ की ममता को भला कौन भक्त अनुभव नहीं कर सकता, यदि वह सच्चे मन से स्मरण करें तो माँ सदैव सहायक होती है। दानवों के अत्याचार से भक्तों एवं संतो को बचाने के लिए माँ सिंह पर सवार होकर आती है और सृष्टि को पाप के भय से मुक्त करती है।माता का एक सरल स्वभाव होता है कि वह बालक की गलतियों को नहीं, बल्कि सदैव उसके अच्छे गुणों एवं कर्मों को याद रखती है, इसलिए यदि हम ईश्वर से भक्ति-भाव के साथ जुड़ जाए तो यह समबंधन ईश्वर भी समान रूप से निर्वहन करते है। यदि हम माता के आगमन की प्रतीक्षा करते है तो माँ भी हमारे पुकारने की प्रतीक्षा में व्याकुल रहती है। जब बच्चा माँ के पास आकर बैठता है और अपने मनोभाव एवं दशा माँ को बताता है तब माँ ही तो होती है जो सुनने एवं समझने का प्रयास करती है। वह प्रत्येक स्थिति में बालक की उन्नति चाहती है। उसकी प्राथमिकता में सदैव बालक का हित निहित होता है। जगतमाता तो सर्वस्व कल्याणी एवं भक्त वत्सल स्वरूपा है। वे कैसे भक्तों की पुकार पर मनोवांछित एवं यथेष्ठ फल न प्रदान करें। श्रीराम कथा में स्वयं माता सीता ने माता पार्वती की स्तुति की थी और कहा था कि माँ आप तो शिव प्रिया एवं वरदान देने वाली हो। आप तो अपने भक्तों को चारों पुरुषार्थ सहजता से प्रदान कर देती है। जिस तरह बालक के हृदय में माँ का निवास होता है वह अपनी प्रत्येक इच्छा पूर्ति के लिए माँ से ही आस लगाता है, वैसे ही माँ के हृदय में भी सदैव बालक की चिंता विद्यमान होती है।वर्तमान समय में हम प्रत्येक स्थिति में परिवर्तन देख रहे है और हम यह समझ रहे है कि यह सृष्टि ईश्वरीय सत्ता के द्वारा संचालित होती है। हमारी शक्ति ईश्वर की शक्ति के आगे नगण्य है। हमारे जीवन में शामिल यह सभी उत्सव एवं पर्व हमें ईश्वरीय सत्ता से जुड़ने एवं उनके प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ होने के लिए प्रेरित करते है। यदि हम इन उत्सवों में ईश्वर के प्रेम, अनुराग एवं भक्ति में डूबते है तो हम जैसे-तैसे भव सागर से पार तो निश्चित ही हो जाएंगे। ईश्वर का ध्यान, पूजन एवं अर्चन हमारी मानसिक एकाग्रता को भी बढ़ाता है एवं हमें आनंद एवं शांति प्रदान करता है। दुर्गा आराधना पर्व में दुर्गा सप्तशती के पाठ द्वारा माता की आराधना श्रेष्ठ होती है। कन्या पूजन हमें बेटियों को भी अपनत्व से अपनाने एवं प्रेम प्रदान करने की ओर अग्रसर करता है, क्योंकि आँगन की सुंदरता बेटियों से ही सुशोभित होती है। माता की आराधना को उत्सव रूप प्रदान करने के लिए सर्वत्र गरबा नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। यह उत्सव एवं आराधना पर्व हमें नारी के प्रति कृतज्ञ एवं सम्मानभाव रखने की भी प्रेरणा देता है। तो आइये इस नवरात्रि पूर्ण निष्ठा भाव से माता के विभिन्न स्वरूपों का ध्यान करें एवं जीवन में भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति को प्राप्त करें। |
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13 September 2025 |
पूर्वजों को श्राद्ध - तर्पण जीवित मां-बाप को वृद्ध आश्रम? - सुभाष चंद महेश (तापडिय़ा ) |
अपने पूर्वजों को मान- सम्मान, याद करने के लिए शास्त्रों में प्रति वर्ष 15 दिन श्राद्ध के लिए निर्धारित पितृ पक्ष के है। इन दिनों में उन पूर्वजों को याद किया जाता है जिनके कारण आज हम हैं। आज भी शास्त्रों में धर्म परायण लोगों के लिए यह व्यवस्था दे रखी है कि पूर्वजों को याद व सम्मान देने से कोई और कार्य बड़ा नहीं है। यह ध्यान में रहते हुए इन दिनों अन्य और कोई शुभ कार्य करने को निषेध माना जाता है, फिर भी कुछ लोग वृद्ध माता-पिता को लावारिस की तरह वृद्ध आश्रमों में छोड़ देते हैं यह कैसी मानवता है इससे तो मानवता, सामाजिकता भी तार तार हो जाती है।लोग पूर्वजों के श्रद्धा के दिन पंडित को बुलाकर श्राद्ध की क्रिया विधि विधान से संपन्न कराते हैं और जिस पूर्वज का श्राद्ध होता है उसकी रुचि के अनुसार पंडित जी को भोजन व श्रद्धा अनुसार वस्त्र व दक्षिणा दी जाती है इसके पीछे भावना यह बताई जाती है कि पूर्वज यह देखकर संतुष्ट रहें कि जो बीज उन्होंने बोला था वह छाया देने वाला वट वृक्ष हो गया है, पर यह देखा जा रहा है कुछ लोग धर्म-कर्म करते देखे जाते हैं एवं श्रद्धा की परंपरा को पूरी करते हैं फिर भी जीते जी अपने मां-बाप को वृद्ध आश्रमों में भेज देते हैं।युवा पीढ़ी को सोचना होगा कि अपने वृद्ध परिजनों से होने वाली जरा सी असुविधा के कारण उन्हें वृद्ध आश्रम में भेज देते हैं उसी प्रकार उनकी संतान भी उनको अलग करने में जरा भी संकोच नहीं करेगी। संत लोग कहते हैं कि बच्चे जैसा देखते हैं वैसा ही सीख जाते हैं। हमने ईश्वर को नहीं देखा है फिर भी हम ईश्वर से हर समय अपनी इच्छा पूर्ति के लिए कुछ ना कुछ मांगते रहते हैं। इच्छा पूर्ति के लिए एक के बाद एक दूसरे देवता से मांगने चले जाते हैं। आप ईश्वर से मांगे इसे कोई बुरा नहीं कहेगा पर मां-बाप को जिन्होंने बिना मांगे अपना सब कुछ हमें दे दिया है उनका काम निकालने के बाद वृद्ध आश्रम में भेज दे इसको कोई भी सही नहीं कहेगा वास्तव में मां-बाप तो ईश्वर की श्रेणी की में ही हैं क्योंकि मां-बाप से ही जन्म लेकर हम पृथ्वी पर आए हैंऔर देवता से तो मांग रहें हैं, परंतु मां-बाप तो बिना मांगे ही दे रहे है।वृद्धावस्था में मां-बाप को बच्चों के सहारे की सबसे बड़ी आवश्यकता होती है। बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है। वृद्धावस्था में शरीर के सब अंग सुचारू रूप से नहीं चलती, बीमारी होने पर डॉक्टर व अस्पताल की आवश्यकता पड़ती है। सबसे बड़ी उन्हें यह तसल्ली चाहिए, कि हमारी सुध लेने वाला भी कोई है। ऊपर से उनके पास धन का भी अभाव हो जाता है, यदि धन भी है तो धन से तसल्ली नहीं मिलती, क्योंकि तसल्ली तो सबसे अधिक उन्हें अपने किसी विश्वास पात्र अथवा संतान के मीठे बोल से ही मिलती है जो पूछता रहता है कि दवाई मत भूल जाना।यह भी सत्य है कि आश्रम रहने वाली बुजुर्ग चाहे किसी भी हाल में रहे, परंतु वे अपनी औलाद का बुरा नहीं सोचती। बस यह है जरूर कहते हुए सुने जाते हैं कि इस जन्म में तो हमने कोई ऐसी कार्य नहीं किया है यह तो कोई पूर्व जन्म के कारण यह फल मिल रहा है।कहीं कहीं यह भी देखने में आता है कि वृद्ध जनों का परिवार से दूर रहने का कारण वह व्यक्ति स्वयं ही बना हैं। जो बच्चे बचपन में हॉस्टल में चले जाते हैं अथवा बच्चा घर में आया के भरोसे दिन भर छोड़ दिए जाते हैं। ममता के साये से दूर पले-बढे बच्चों ने कहा देखा है कि माता-पिता ने किस परिस्थिति में उन्हें पाला है। फिर बच्चों को मां-बाप की कुर्बानियों का एहसास कैसे हो? उनका मां बाप के प्रति लगाव कम ही होता है। वृद्धावस्था तक व्यक्ति ग्रस्तआश्रम की सारी जिम्मेदारी से प्राय: मुक्त हो जाता है। खाली दिमाग को वह पर निंदा की तरफ लगा देता है। जैनरेशन गैप होने के बात भी उसको अपनी योग्य संतान पर भरोसा नहीं होता। अपनी मनमानी चलाना चाहता है जो अकारण ही परिवार में बैर भाव, अलगाव का कारण बन जाता है और वह अपने लिए बहुत बड़ा दुख ले लेता है, पर आज की सामाजिक दशा व्यक्ति को यह भी चेतावनी देती है कि भावुकता में अपनी सारी पूंजी पर बच्चों को अधिकार दे देता है। वह फिर उनके आगे हाथ फैलाये वह भी बुरे दिन लाने का कारण हो सकता है। अत: स्वयं को भी सचेत रहने की आवश्यकता है। |
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08 September 2025 |
श्राद्धः श्रध्दा एवं कृतज्ञता का पर्व - कृष्णचन्द्र टवाणी |
भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक सोलह दिन, श्राद्ध पक्ष अथवा महालय पक्ष कहलाते हैं। इस वर्ष श्राद्ध पक्ष 07 सितम्बर से 21 सितम्बर 2025 तक मनाया जायेगा। ये दिन पूर्वजों और ऋषियों-मुनियों के स्मरण-तर्पण के दिन माने जाते हैं। श्राद्ध यानी "श्रद्धया यत् क्रियते तत्।" श्रद्धा से जो अंजलि दी जाती है उसे श्राद्ध कहते हैं। जिन पितरों ने और पूर्वजों ने हमारे कल्याण के लिए कठोर परिश्रम किया, रक्त का पानी किया, उन सबका श्रद्धा से स्मरण करना चाहिए और वे जिस योनि में हो उस योनि में उन्हें दुःख न हो, सुख और शांति प्राप्त हो, इसलिए पिंडदान और तर्पण करना चाहिए।तर्पण करने का अर्थ है तृप्त करना, संतुष्ट करना। जिन विचारों को संतुष्ट करने के लिए, जिस धर्म और संस्कृति के लिए उन्होंने अपना जीवन अर्पित किया हो, उन विचारों, धर्म और संस्कृति को टिकाये रखने का हम प्रयत्न करें, उनकी प्रतिष्ठा बढ़े ऐसा व्यवहार तथा जीवन बनायें तो वे जरूर तृप्त होंगे। प्रतिदिन देव, पितर तथा ऋषियों की तृप्ति रहे ऐसा जीवन जीना चाहिए और वर्ष में एक दिन जिन पितरों को, ऋषि को हमने माना हो उनके श्राद्ध निमित्त हमारे जीवन का आत्म परीक्षण करना चाहिए और हम कितने आगे बढ़े और कहाँ भूलें की उसका तटस्थ बनकर विचार करना चाहिए।श्राद्ध परम्परा को टिकाता है, सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखता है। निर्सग जिसे शरीर से ले जाता है उसको श्राद्धमय स्मरण अमर बनाता है। काल ने जिनका नाश किया परन्तु कर्मों और विचारों ने जिन्हें चिरंजीवी बनाया है, ऐसे धर्मवीरों और कर्मवीरों का कृतज्ञ भाव से पूजन करके इन दिनों में कृतकृत्य होना चाहिए। भारतीय संस्कृति की महानता, भव्यता, दिव्यता इन ऋषियों की आभारी है। भारत की आज भी विश्व में जो मान्यता है उसका कारण हमारे पूर्वज हैं। भावी पीढ़ी आनंदमय जीवन जिए इसलिए उन्होंने निरपेक्ष भाव से दिव्य आचार-विचार की संपदा दी है। स्वयं जलकर लोगों के जीवन प्रकाशित किये, इसलिए समाज उनका ऋणी है। हम पर देवों और ऋषियों का ऋण है। इन निःस्वार्थी कर्मयोगियों के ऋण से मुक्त होने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए, इसका इन पन्द्रह दिनों में विचार करना चाहिए है।श्राद्ध में पंचग्रास निकालना क्यों जरूरी है ?: जिस तरह शरीर पंचततत्वों से बना है उसी तरह श्राद्ध कर्म के दौरान पंचग्रास का महत्त्व है। अर्थात् आमंत्रित ब्राह्मण को भोजन कराने से पूर्व पाँच भोग निकालकर श्राद्ध कर्म प्रारंभ किया जाता है। इसमें एक भाग गाय का, एक कौए का, एक कुत्ते का, एक चींटी का, एक देवता (अतिथि) का होता है। यदि किसी कारण से घर में भोजन बनाने की व्यवस्था न हो तो फल और मिष्ठान आदि का दान भी किया जा सकता है। कौए (काक) ग्रास अर्थात कौए के लिए भोजन रखना क्यों जरूरी है ? जब पीपल एवं वटवृक्ष के फल कौए खाते हैं तो उनके पेट में बीज उगने लगते है। कौऐ जहाँ-जहाँ बीट करते हैं वहाँ-वहाँ यह दोनों पेड़ उगते है। कुछ लोगों का मत है कि कौऐ यमराज का प्रतीक है यदि कौऐ श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर लेते हैं तो पितृ प्रसन्न हो जाते है। कौऐ को भोजन कराना पर्यावरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उनकी बीट से ही पीपल एवं वट वृक्ष उत्पन्न होते हैं। प्रक्षण दूर करने के लिए जिनकी आज अतिआवश्यकता है।सर्वपितृ अमावस्या : पितृपक्ष का समापन आश्विन मास की अमावस्या को होता है। इस तिथि कोसर्वपितृ अमावस्या या मोक्ष दायिनी अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन ज्ञात-अज्ञात सभी पितरों के श्राद्ध का विधान है, जिन व्यक्तियों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि स्मरण नही होती है वह भी इस दिन उनके लिये श्राद्ध या तर्पण कर सकते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त असहाय, निर्धन व्यक्ति को भोजन कराना, वस्त्र आदि देने से घर की आर्थिक परेशानी दूर होती है और समृद्धि बढ़ती है।सांझी की आकृति बनाकर पूजा करना: श्राद्ध पक्ष में कुंवारी कन्याएं सौलह दिन तक सांझी कीआकृति का गोबर से निर्माण करती है। प्रतिदिन नई आकृति बनाकर उसे फूलों एवं चमकीली पन्नियों से सजाती है। संध्या के समय श्राद्ध के दिन जो पकवान बनाये जाते हैं उनका सांझी को भोग लगाकर गीत गाती हैं तथा प्रसाद वितरित करती हैं। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश में अभी भी यह परम्परा प्रचलित है।पितृपक्ष की अष्टमी को महालक्ष्मी जन्मोत्सव : वैसे तो श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य वर्जित है किन्तु श्राद्ध पक्ष की अष्टमी को महालक्ष्मी जन्मोत्सव भी मनाने की प्रथा भी प्रचलित है। इसे महालक्ष्मी व्रत भी कहते है। महालक्ष्मी व्रत का पूजन संध्या समय किया जाता है। शाम के समय स्नान कर पूजा की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर महालक्ष्मी की मूर्ति का सोने के आभूषणों से श्रृंगार करें। इसके बाद चावल से बनाये अष्ट कमल पर कलश रखें तथा माता की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र, सोने, चांदी के सिक्के, मिठाई और फल रखें। लक्ष्मी जी को कमल के फूल की माला पहनाकर, घी का दीपक, धूप तथा अगरबत्ती से पूजा करें। पूजा के समय "ॐ योगलक्ष्मयै नमः", "ॐ आद्यलक्ष्मयै नमः", "ॐ सौभाग्यलक्ष्मयै नमः" मंत्र का 108 बार पूरी निष्ठा व श्रद्धा से जाप करें। अंत में माता लक्ष्मी जी की आरती करके भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें। इस दिन सोना खरीदने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसदिन सोना खरीदने से लक्ष्मी जी कृपा से सोने में आठ गुना तक वृद्धि होती है और जीवन में कमी धन धान्य की कमी नहीं होती।श्राद्ध करने का समय व निषिद्ध पदार्थ: श्राद्ध निश्चित समय में ही करना चाहिए। श्राद्ध कुतप बेलाअर्थात् दिन में ग्यारह बजकर छबीस मिनट से दोपहर बारह बजकर चौबीस मिनट में ही मुख्य रूप से करना चाहिए। श्राद्ध के दिन पवित्र भावों से भोजन बनाना चाहिए। श्राद्धकर्ता में तीन गुण पवित्रता, जल्दबाजी न करना और क्रोध नहीं करना परमावश्यक है। भोजन कराते समय पंडित जी से यह नहीं पूछना चाहिए कि भोजन कैसा है ? अन्यथा पितर निराश होकर लौट जाते हैं। जो प्राणी शान्तचित्त होकर विधि पूर्वक श्राद्ध करता है वह सभी पापों से मुक्त होकर दीर्घायु प्राप्त करता है तथा उसे संतान व धन-धान्य की प्राप्ति होती है।श्राद्ध करने से लाभ : शास्त्रों में तीन ऋण-देव ऋण, ऋषि ऋण तथा पितृ ऋण मुख्य रूप से बताये गये हैं। यज्ञादि द्वारा देव ऋण तथा स्वाध्याय द्वारा ऋषि ऋण तथा श्राद्ध द्वारा पितृ ऋण उतारा जाता है। वास्तव में पितृ ऋण को पितरों के तर्पण श्राद्ध द्वारा उतारा जा सकता है। श्राद्ध पक्ष में मुझे भी मेरे पितरों की तरह गौरव प्राप्त कर जाना है उनका स्मरण करके उनके सुकृत्यों का जीवन में अनुकरण करना चाहिए।बुजुर्गों एवं माता पिता के प्रति कृतज्ञ हों: साल में सिर्फ श्राद्ध पक्ष में ही माता-पिता बड़े बुजुर्गों कासम्मान क्यों ? परन्तु आज तो हम श्रद्धा का ही श्राद्ध कर बैठे हैं परिणामतः मानव जीवन के सम्बन्ध भावना शून्य, ममत्व रहित और यंत्रवत बन गये हैं। तर्कशास्त्री अक्सर श्राद्ध का मजाक उड़ाते हैक्योंकि वे लोग श्राद्ध के वास्तविक मर्म को नहीं समझ सके हैं। आधुनिकता तथा पश्चिम के देशों की सभ्यता में रंगे व्यक्ति इसे कैसे समझ सकते हैं ? उनका तर्क है कि जब मुम्बई में खाया हुआ पदार्थ देहली में रहने वालों तक नहीं पहुँचता तो यहाँ ब्राह्मणों को खिलाया हुआ पितरों को कैसे पहुँच सकता है ? जरा सोचिये ? भारत में जमा कराये रूपये अमेरिका में प्राप्त होते है। मुम्बई के स्नेही की आवाज मोबाइल, टेलीफोन द्वारा अमेरिका में सुनाई देती है तो फिर भक्ति भाव से, शुद्ध अंतःकरण से और अनन्य श्रद्धा से किया हुआ श्राद्ध मंत्र शक्ति के द्वारा पितरों को तृप्ति दे सकता है यह बात तर्ककर्त्ताओं के मस्तिष्क में क्यों नहीं घुसती है ? यह एक विचारणीय प्रश्न है ? उनकी इस गलत धारणा एवं भ्रान्ति को दूर करना हमारा कर्त्तव्य है। प्रभु हमें शक्ति प्रदान करें यही प्रार्थना है। इस श्राद्ध पक्ष की महत्ता को समझकर हमें अपने माता-पिता, बुजुर्गों के प्रति कृतज्ञता का संकल्प करना चाहिए। |
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26 September 2025 |
पंचांग और राशिफल |
*आज का पञ्चाङ्ग**दिनांक*:- 26 सितंबर 2025*वार* :- शुक्रवार*विक्रम संवत्* :- 2082*अयन*:- दक्षिणायण*ऋतु* :- शरद*मास*:- आश्विन*पक्ष* :- शुक्ल*तिथि* :- चतुर्थी 09:38am तक पश्चात:- पंचमी*नक्षत्र*: - विशाखा 10:09am तक पश्चात:- अनुराधा*योग*:- विशकुंभ*करण* :- विष्टि*सूर्यराशि* :- कन्या*चंद्रराशि* :- तुला :- 03:26pm तक पश्चात:- वृश्चिक*दिशाशूल* :- पश्चिमसूर्योदय :- 6:24amसूर्यास्त :- 06:42pm*राहुकाल का समय* 11:00 pm से 12:35 pm तक रहेगा*अभिजित मुहूर्त :-* 12:09 pm से 01:05 pm तक*ब्रह्म मुहूर्त*:- 04:45am से 05:28amआज व्रत एवं त्यौहार* नवरात्रि पंचम दिन*वार विशेष*आज का वार :- शुक्रवारअधिदेव :- इन्द्र देव* फलादेश के हिसाब से शुक्र कमजोर हो तो हीरा या ओपल चांदी में शुक्रवार को धारण करना चाहिए जब तक रत्न धारण नहीं कर सकते है तब तक शरपुंखा या गूलर की जड़ धारण कर सकते हैं । मंत्र जाप कर सकते हैं ।मंत्र :-* ।।ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ।।* यदि फलादेश के हिसाब से शुक्र ग्रह किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो इससे संबंधित दान किसी ब्राह्मण, पुरोहित, मंदिर या गुरु को करना चाहिए ।दान :-* चांदी , दूध , दही , घी , इत्र , चावल , मिश्री , सफेद मिठाई , सफेद चंदन , रेशमी सफेद वस्त्रउपाय :-* गाय को रोटी खिलाएं एवं गाय की सेवा करें , आटा एवं शक्कर चीटियों को डालें ।शुक्रवार को करणीय कार्य :-* नवीन वस्त्र एवं आभूषण को धारण करना, सोभाग्यवृधन कार्य करना, चलचित्र शूटिंग कार्य व यात्रा जाने हेतु श्रेष्ठ है।वार संज्ञा :* शुक्रवार को मृदु संज्ञा दी गई है अर्थात की शुक्र ग्रह एक कोमल व साज सजा वाला ग्रह है तो उसी के अनुरूप इस वार को कार्य किया जाता हैघात वार :-* दी गई राशि राशि वालो के लिए वार अशुभ होता है इन वार में वह जातक यथासंभव यात्रा का त्याग करेंवार:- शुक्रवारराशि :- वृश्चिक, धनु, मीनअशुभ फल नाशक पदार्थ :-* अगर किसी जातक के लिए शुक्रवारअशुभ हो तो वह जातक शुद्ध घी अथवा कच्चा दूध का दान व सेवन कर सकता है जिससे की अशुभता नाश होगी*राशिफल*मेष राशि :-आज आपकी प्रभावशाली लोगों से मुलाकात होगी। आपको अपने भाईयों का पूरा साथ मिलेगा। आपको अपने पारिवारिक मामलों को मिल बैठकर निपटना होगा। आप अपने पिताजी से किसी बात को लेकर नाराज हो सकते हैं। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई मनचाही खुशी की खबर सुनने को मिलेगी। आपको आज बेवजह किसी बात को लेकर क्रोध नहीं करना होगा, नहीं तो परिवार के सदस्य आपकी इस आदत को लेकर परेशान रहेंगे।वृषभ राशि :-आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आने वाला है। आपकी कोई अधूरी इच्छा पूरी हो सकती है। परिवार में किसी सदस्य की सेहत में गिरावट आने से आपको भागदौड़ रहेगी। भाई-बहनों से आपकी खूब पटेगी। कारोबार में आप कुछ नया करने की कोशिश करेंगे। आप नौकरी में भी बदलाव करने की योजना बना सकते हैं। आपके बॉस आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी देंगे, जिससे आपको घबराना नहीं है। ससुराल पक्ष का कोई व्यक्ति आपसे मेल-मिलाप करने आ सकता है।मिथुन राशि :-आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। आप अपने करीबियों का विश्वास जीतने में कामयाब रहेंगे। माता-पिता की सेवा के लिए भी कुछ समय निकल पाएंगे। परिवार में चल रही कलह को आप मिल बैठकर दूर करेंगे। आप किसी नए वाहन की खरीदारी की योजना बना सकते हैं, जिसके लिए आप लोन भी अप्लाई करेंगे। माता-पिता से आपको काम को लेकर अच्छी सलाह मिलेगी। आप इधर-उधर की बातों में ना पड़ें। आपको किसी सहयोगी की कोई बात बुरी लग सकती है।कर्क राशि :-आज का दिन आपके लिए लेनदेन से संबंधित मामलों में सावधान रहने के लिए रहेगा। आपको अपनी पढ़ाई-लिखाई के प्रति सचेत रहना होगा। आप लेनदेन से संबंधित मामलों को लेकर कोई गलत डील कर सकते हैं, इसलिए आप रुपए-पैसे से संबंधित किसी काम को लेकर बाहरी व्यक्ति से सलाह मशवरा ना करें। आपका कोई पुराना लेनदेन आपके लिए समस्या बन सकता है। आपकी मेहनत रंग लाएगी। कुछ नए करना की कोशिश आपको कामयाबी देगी।सिंह राशि :-आज का दिन आपके लिए कोई बड़ी उपलब्धि लेकर आने वाला है। आपकी कुछ प्रभावशाली लोगों से मुलाकात होगी। आप बेवजह घर से बाहर न जाएं, नहीं तो कोई दुर्घटना होने की संभावना है। आपका भगवान के भक्ति में खूब मन लगेगा। आप अपनी संतान के कामों से काफी खुश रहेंगे। आपका मनोबल भी ऊंचा रहेगा, लेकिन आपको कोई पेट संबंधित समस्या हो सकती है। आपकी जीवनसाथी से भी किसी बात को लेकर कहासुनी होगी, जिससे आप मिल बैठकर दूर करने की कोशिश करें।कन्या राशि :-आज आप किसी अजनबी पर सोच समझकर भरोसा करें। कार्यक्षेत्र में कोई बहलाने फुसलाने की कोशिश कर सकता है। आपको अपने बॉस से रिश्तों को बेहतर करना होगा। भाग्य का आपको पूरा साथ मिलेगा। राजनीति में कार्यरत लोगों के कामों में उलझनें बनी रहेगी, लेकिन कुछ लोग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। आपकी निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर रहेगी। किसी धार्मिक स्थान पर जाने के लिए आप प्लानिंग करेंगे।तुला राशि :-आज का दिन आपके लिए जिम्मेदारी भरा रहने वाला है। आज आपके अंदर ऊर्जा रहने से आप थोड़ा परेशान रहेंगे। विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा के मार्ग प्रशस्थ होंगे। व्यापार में अच्छा लाभ मिलने से खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। आपको बिजनेस में किसी के साथ पार्टनरशिप करनी पड़ सकती है। आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जाने की तैयारी कर सकते हैं। छोटे बच्चों के साथ आप समय मौज-मस्ती करने में व्यतीत करेंगे।वृश्चिक राशि :-आज आपको किसी जोखिम भरे काम में हाथ डालने से बचना होगा और कोई कानूनी मामला यदि लंबे समय से विवादित चल रहा था, तो उसमें भी आपको जीत मिलेगी। आपकी कुछ नए लोगों से मुलाकात होगी, जो आपके लिए अच्छी रहेगी। संतान नौकरी के लिए कहीं बाहर जा सकता है, जो लोग विदेश में व्यापार करते हैं, उन्हें कोई बड़ा ऑर्डर मिलने की संभावना है। आपको अपने किसी काम को लेकर दूसरे पर डिपेंड नहीं रहना है।धनु राशि :-आज का दिन आपके लिए सोच समझकर खर्च करने के लिए रहेगा। दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहेगी। आपके सामने आज कुछ ऐसे खर्च आएंगे, जो आपको मजबूरी में ना चाहते हुए भी करने पड़ सकते हैं। आपको अपने सगे संबंधियों के साथ वक्त बताने का मौका मिलेगा। आपकी आय के सोर्स बढ़ेंगे, जो आपको खुशी देंगे। दोस्तों के साथ आप किसी पार्टी को करने की योजना बना सकते हैं। आपको अपनी सेहत को लेकर थोड़ा एतियात बरतनी होगी।मकर राशि :-आज का दिन आपके लिए आय को बढ़ाने वाला रहेगा। राजनीति में कार्यरत लोगों को उनके सहयोगियों का पूरा साथ मिलेगा। माता-पिता के आशीर्वाद से आपको कोई रुका हुआ काम पूरा हो सकता है। घूमने-फिरने के दौरान आप कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करें। आप किसी की कहीसुनी बातों पर भरोसा ना करें और आपके कुछ विरोधी आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, जिन्हें आप अपनी चतुर बुद्धि से आसानी से मात दे सकेंगे। आप किसी नये घर की खरीदारी कर सकते हैं।कुम्भ राशि :-आज आपकी निर्णय लेने की क्षमता बेहतर रहेगी। जीवनसाथी को आपका पूरा सहयोग मिलेगा। आप अपने घरेलू कामों को समय से निपटाने की कोशिश करें। माताजी आपको कोई जिम्मेदारी दे सकती हैं। आप कार्यक्षेत्र में किसी से कोई जरूरी जानकारी शेयर ना करें। लोग अपने काम से काम मतलब रखें। आपका कोई अधूरा काम पूरा होने से आपको खुशी होगी। दोस्तों के साथ आप किसी मनोरंजन के कार्यों करने में व्यतीत करेंगे।मीन राशि :-आज का दिन आपके लिए भौतिक सुख साधनों में वृद्धि लेकर आना वाला है। यदि आप प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं, तो उसके लिए आज का दिन बेहतर रहेगा। आपकी कुछ नए लोगों से मुलाकात होगी। आपको किसी वाद-विवाद को मिल बैठकर सुलझाने की आवश्यकता है। सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के मान-सम्मान में वृद्धि होगी और उन्हें किसी बड़े पद की प्राप्ति भी हो सकती है। अध्यात्म के कार्य में आपकी काफी रुचि रहेगी।*मेरा और आपका सुविचार*अपने धर्म और कर्म की चिंता करना ही सत्कर्म हैज्योतिषाचार्य मोहित बिस्सा7976099812 |
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25 September 2025 |
पंचांग और राशिफल |
*आज का पञ्चाङ्ग**दिनांक*:- 25 सितंबर 2025*वार* :- गुरुवार*विक्रम संवत्* :- 2082*अयन*:- दक्षिणायन *ऋतु* :- सरद *मास*:- आश्विन*पक्ष* :- शुक्ल*तिथि* :- चतुर्थी *नक्षत्र* :- स्वाति 07:04pm तक पश्चात:- विशाखा*योग*:- वैधृति *करण*:- गर *सूर्यराशि* :- कन्या*चंद्रराशि* :- तुला *दिशाशूल* :- दक्षिणसूर्योदय :- 06:29amसूर्यास्त :- 06:44 pm *राहुकाल का समय* 1:55pm से 03:25pm तक रहेगा *अभिजित मुहूर्त :-*12:15 pm से 1:04 pm तक *ब्रह्म मुहूर्त*:-04:45am से 05:28amआज व्रत एवं त्यौहार * नवरात्रि चतुर्थ वर्त*वार विशेष*आज का वार :- गुरुवार अधिदेव :- भगवान विष्णु और इंद्र * यदि जन्म कुंडली में फलादेश के हिसाब से गुरु ग्रह कमजोर हो तो पुखराज सोने या पीतल में गुरुवार को धारण करना चाहिए । जब तक आप पुखराज धारण नहीं कर सकते है तब तक आप केले की जड़ या हल्दी की गांठ धारण कर सकते हैं , हल्दि या केसर का तिलक लगाएं । हल्दी की माला से मंत्र जाप करें ।मंत्र :- * ।। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः ।।* यदि फलादेश के हिसाब से गुरु ग्रह किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो इससे संबंधित दान किसी ब्राह्मण, पुरोहित या गुरु को करना चाहिए ।दान :-* पीला वस्त्र , हल्दी , चने की दाल, धार्मिक पुस्तक , पिला फलउपाय :-* बुधवार को रात को चने की दाल भिगोकर रखें गुरुवार को प्रातः रोटी में चने दाल, हल्दी भर गाय को खिलाएं । पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें । किसी सच्चे साधु , महात्मा या गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए ।गुरुवार को करणीय कार्य :-* विद्या का प्रारंभ, वैवाहिक - कार्यक्रम, उच्चाधिकारियों से मिलना, नवीन काव्य लेखन प्रारंभ करना, लेखन, प्रकाशन, धन - संग्रह आदि शुभ कार्य के लिए श्रेष्ठ है।वार संज्ञा :-* गुरुवार को लघु व सामान्य संज्ञा दी गई है गुरुवार शुभ वार है।घात वार :-* दी गई राशि राशि वालो के लिए वार अशुभ होता है इन वार में वह जातक यथासंभव यात्रा का त्याग करेंवार:- गुरुवारराशि :- तुला, कुंभ अशुभ फल नाशक पदार्थ :-* गुरुवार अगर किसी जातक के लिए अशुभ हो तो वह जातक चने की दल का दान कर सकता है जिससे की अशुभता नाश होगी*राशिफल*मेष राशि :-आज का दिन आपके लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है। कार्यक्षेत्र में आपको कोई जिम्मेदारी मिल सकती है। आपके अंदर एक्स्ट्रा एनर्जी रहेगी, लेकिन आप उसे इधर-उधर रहकर व्यर्थ ना करें। आपको किसी शुभ और मांगलिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने का मौका मिलेगा। आपके परिवार में कोई सदस्य नौकरी को लेकर परेशान रहेगा। घूमने-फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। वृषभ राशि :-आज आपको किसी काम में उसके नीति नियमों पर पूरा ध्यान देना होगा। राजनीति में आप थोड़ा सोच समझकर कदम बढ़ाएं। आपको बॉस की कोई बात बुरी लग सकती हैं। माताजी भी आपकी किसी बात को लेकर विरोध कर सकती हैं, इसलिए आप अपनी बुद्धि का प्रयोग करके कामों को करें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। किसी दूसरे की बातों में आकर कोई बिजनेस में बड़ा जोखिम ना लें। भाईचारे की भावना आपके मन में बनी रहेगी। आप उन्नति की राह पर आगे बढ़ेंगे।मिथुन राशि :-आज का दिन आपके लिए धन-धान्य में वृद्धि लेकर आएगा और आपको किसी दूसरे के मामले में बेवजह बोलने से बचना होगा। आप अपने घर के रिनोवेशन का काम भी शुरू कर सकते हैं और जीवनसाथी को कहीं लॉन्ग ड्राइव पर लेकर जाने की योजना बनाएंगे। आपका खर्चों को लेकर सिरदर्द रहेगा, लेकिन फिर भी आपको ना चाहते हुए भी कुछ खर्च करने पड़ सकते हैं।कर्क राशि :-आज आपकी नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी और आप अपने घर के कामों पर पूरा ध्यान देंगे, लेकिन परिवार में किसी अतिथि का आगमन होने से सभी सदस्य व्यस्त रहेंगे। आज आपको कोई चोट-चपेट आदि लगने की संभावना है, इसलिए आप किसी से वाहन मांगकर ना चलाएं और थोड़ा सावधानी बरतें। आपको किसी बात को लेकर जिद या अहंकार में नहीं रहना है, नहीं तो आपके पिताजी नाराज हो सकते हैं। आपके ऊपर यदि कुछ कर्जा था, तो उसे आप उतारने की पूरी कोशिश करेंगे।सिंह राशि :-आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आप अपने काम को लेकर यदि कोई बदलाव करेंगे, तो वह भी आपके लिए अच्छा रहेगा। बिजनेस में आप किसी से कोई महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने की कोशिश करेंगे। वाहन की अकस्मात खराबी के कारण आपका खर्चा बढ़ सकता है। आपको किसी यात्रा पर भी बहुत ही सोच समझकर जाना होगा। भाईचारे की भावना आपके मन में बनी रहेगी। आपको लाभ की योजना पर पूरा ध्यान देना होगा। आपका मन इधर-उधर के कामों में लगेगा।कन्या राशि :-आज का दिन आपके लिए ठीक-ठाक रहने वाला है। परिवार में किसी नए मेहमान का आगमन हो सकता है। आपको अपने खर्चों का लेखा-जोखा रखना होगा। आपके धन-धान्य में वृद्धि होने से आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। आपको अपने मन में किसी के प्रति ईर्ष्या की भावना नहीं रखनी है। आप कार्यक्षेत्र में काम को लेकर अपनी आंख व कान खुले रखें। अविवाहित जातकों के जीवन में उनके साथी की दस्तक हो सकती है।तुला राशि :-आज आप विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपको अपने निजी मामलों में किसी दूसरे से सलाह लेने से बचना होगा। आपकी किसी पुरानी गलती से पर्दा उठ सकता है। सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे लोगों को अपने कामों पर पूरा ध्यान देना होगा। विद्यार्थियों को बौद्धिक और मानसिक बोझ से छुटकारा मिलेगा। आप अपने आसपास रह रहे लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब रहेंगे। नौकरी में बदलाव के लिए आप किसी दूसरी जगह अप्लाई कर सकते हैं। परिवार को कोई सदस्य नौकरी के लिए कहीं बाहर जा सकता है।वृश्चिक राशि :-आज आपके ऊपर काम का दवाब अधिक रहने से आप परेशान रहेंगे। पारंपरिक कार्यो से आपको जुड़ने का मौका मिलेगा। प्रतिस्पर्धा का भाव आपके मन में बना रहेगा और आपको किसी काम को लेकर अक्समात यात्रा पर जाना पड़ सकता है। आपकी संतान से बेवजह किसी बात को लेकर कहासुनी हो सकती है। आपको आज सूझबूझ दिखाकर अपने कामों को करना होगा और आपका कोई सहयोगी आपके खिलाफ षड्यंत्र रच सकता है।धनु राशि :-आज का दिन आपके लिए सुख-शांति से भरा रहने वाला रहेगा। आपका आत्मविश्वास भी मजबूत रहेगा। आपको किसी चल या अचल संपत्ति संबंधित विवाद पर थोड़ा चुप रहने की आवश्यकता है। परिवार में किसी नए मेहमान का आगमन हो सकता है, जिसे लेकर आप परेशान रहेंगे। आप किसी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। आपके कुछ नए मित्र बनेंगे और आपके बॉस आपके काम से काफी खुश होंगे। आपके प्रमोशन की बात आगे चल सकती हैं।मकर राशि :-आज आपको दूसरों का सहयोग और समर्थन मिलेगा। आपकी कोई मन की इच्छा पूरी हो सकती है। आपकी साख और सम्मान में वृद्धि होगी। पैतृक मामलों में भी सुधार होगा और आपकी सेहत में उतार-चढ़ाव लगा रहेगा। घूमने-फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। संतान को आप कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। आपको आसपास रह रहे लोगों को पहचानने की आवश्यकता है। आप अपने घर में कोई बदलाव करने की सोचेंगे।कुम्भ राशि :-आज का दिन आपके लिए भाग्य के दृष्टिकोण से अच्छा रहने वाला है। आपको उम्मीद से ज्यादा लाभ मिलने से खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। आपकी कुछ नई कोशिशें रंग लाएंगी। आपको किसी सामाजिक आयोजन से जुड़ने का मौका मिलेगा। विभिन्न क्षेत्रों में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपको किसी दूसरे के मामले में बेवजह बोलने से बचना होगा। आप अपनी सेहत पर थोड़ा ध्यान दें। माताजी से आपकी किसी बात को लेकर कहासुनी हो सकती है।मीन राशि :-आज का दिन आपके लिए अपने आवश्यक कामों पर ध्यान देने के लिए रहेगा। आपको कार्यक्षेत्र में भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि आपको कोई ऐसा काम मिल सकता है, जिसमें आपको अत्यधिक मेहनत की आवश्यकता होगी। रक्त संबंधी रिश्तों में मजबूती आएगी, जिसके लिए आपको अपनी वाणी और व्यवहार में बदलाव लाना होगा। आप किसी अजनबी से सलाह लेने से बचें, लेकिन आर्थिक मामलों में आप पूरी स्पष्टता बनाए रखें, नहीं तो आपका धन फंस सकता है।मेरा और आपका सुविचार*अपने धर्म और कर्म की चिंता करना ही सत्कर्म है ज्योतिषाचार्य मोहित बिस्सा7976099812 |
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24 September 2025 |
पंचांग और राशिफल |
आज का पञ्चाङ्गदिनांक:- 24 सितंबर 2025वार :- बुधवारविक्रम संवत् :- 2082अयन:- दक्षिणायण ऋतु :- शरद मास:- आश्विनपक्ष :- शुक्लतिथि:- तृतीया नक्षत्र :- चित्रा 04:16pm तक पश्चात:- स्वातियोग :- एन्द्र करण :- तैतिल सूर्यराशि :- कन्याचंद्रराशि :- तुलादिशाशूल :- उत्तरसूर्योदय :- 06:25amसूर्यास्त :- 06:55pm राहुकाल का समय 12:42pm से 02:25 pm तक रहेगा अभिजित मुहूर्त :-बुधवार को अभिजीत मुहूर्त नही होता हैब्रह्म मुहूर्त:-04:45am से 05:28amआज व्रत एवं त्यौहार * नवरात्रि तृतीय दिवसवार विशेष देव :- भगवान गणेश अधिदेव :- भगवान विष्णु * यदि जन्म कुंडली में बुध फलादेश के अनुसार अगर लाभ नही पहुंचा रहा हो और कमजोर हो तो पन्ने को सोने या पीतल में बुधवार को धारण करना चाहिए , जब तक आपके पास पन्ना धारण करने की व्यवस्था ना हो तब तक विधारा की जड़ धारण कर सकते हैं या बुध का मंत्र जाप कर सकते हैं । मंत्र :-* ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।। * यदि जन्म कुंडली में बुध फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो उससे संबंधित दान एवं उपाय करना चाहिए दान :-* हरा वस्त्र , सबूत मूंग , हरि सब्जी, हरि कांच की चूड़ी किसी कन्या को दान दे।उपाय :-* मूंग को मंगलवार की रात को जल में भीगा दें एवं बुधवार को दिन में पंछियों को खिलाएं । बुधवार को गाय को हरा चारा, घास या हरी शब्जी खिलाएं, बहन या बुआ को वस्त्र एवं मिठाई भी दान कर सकते हैं ।बुधवार को करणीय कार्य :-* विद्या, कला,काव्य का प्रारंभ करना नवीन व्यापार करना, नवीन लेखन, पुस्तक का प्रकाशन, धन - सहग्र, प्रार्थना पत्र देना शुभ है।वार संज्ञा :- * बुधवार को मिस्र व साधारण संज्ञा दी गई है अर्थात बुध सामान्य दृष्टि वाला है ना ज्यादा शुभ ना ही ज्यादा अशुभ घात वार :-* दी गई राशि राशि वालो के लिए वार अशुभ होता है इन वार में वह जातक यथासंभव यात्रा का त्याग करेंवार:- बुधवारराशि :- कर्कअशुभ फल नाशक पदार्थ :-* बुधवार अगर किसी जातक के लिए अशुभ हो तो वह जातक तिल व पके हुवे दूध का दान कर सकता है जिससे की अशुभता नाश होगीअभिजीत मुहूर्त* बुधवार को अभिजीत मुहूर्त नही होता है क्योंकि बुधवार को अभिजीत मुहूर्त वाले समय राहु काल चल रहा होता है परंतु कुछ विशेष चोगड़ियो में आप कार्य कर सकते हैंलाभ :- * 5:55 am से 7:35amअमृत :- * 7:36am से 9:24amशुभ :- * 11:00am से 12:38pmराशिफलमेष राशि :-आज का दिन आपके लिए ऊर्जावान रहने वाला है। आपका व्यापार पहले से बेहतर चलेगा। आप अपने कामों को समय से निपटाने की कोशिश करेंगे। आप किसी से कोई पार्टनरशिप न करें, तो उसमें आप पूरा ध्यान दें और आप संतान की फरमाइश पर किसी नए वाहन को लेकर आ सकते हैं। आपके घर किसी अतिथि का आगमन होने की संभावना है। आप लोगों की आवभगत में लगे नजर आएंगे। आपके पिताजी की सेहत में उतार-चढ़ाव लगा रहेगा, जिससे आपको टेंशन होगी।वृषभ राशि :-आज का दिन आपके लिए चिंताग्रस्त रहने वाला है। आपके मन में किसी काम को लेकर दुविधा बनी रहेगी। आज आपको बेवजह का भय सताएगा। आप किसी की कहीसुनी बातों पर भरोसा ना करें और आपको कोई बात बहुत ही सोच समझ कर बोलनी होगी। यदि आप किसी प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त की योजना बना रहे थे, तो आज वह पूरी हो सकती है। आप ज्यादा पानी वाली जगह जाने से बचें। सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे लोगों को अपनी मेहनत जारी रखनी होगी, तभी उन्हें कोई अच्छा मुकाम हासिल होगा।मिथुन राशि :-आज का दिन आपके लिए इनकम को बढ़ाने वाला रहेगा। आप अपने ससुराल पक्ष की किसी व्यक्ति से मेल मुलाकात करने जा सकते हैं। आपको किसी पारिवारिक मामले को घर से बाहर ले जाने से बचना होगा। आपने यदि किसी काम को लेकर कोई लापरवाही दिखायी, तो वह आपके लिए कोई बड़ी समस्या बन सकती है। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा।कर्क राशि :-आज आपको शासन-सत्ता का पूरा सहयोग मिलेगा। आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए जो प्रयास करेंगे, उसमें सफलता मिलेगी। आपका कोई पुराना मित्र आपसे लंबे समय बाद मेल मुलाकात करने आ सकता है। आपको अपनी संतान से किए हुए वादे को पूरा करना होगा, जो जातक सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं, उन्हें कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है।सिंह राशि :-आज का दिन आपके लिए भाग्य के दृष्टिकोण से अच्छा रहने वाला है। आपके काम में यदि कुछ विघ्न आ रहे थे, तो वह दूर होंगे। आप अपने काम से काम मतलब रखें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। किसी दूर रहे परिजन से आपको निराशाजनक सूचना सुनने को मिल सकती है। आपको अपने आसपास रह रहे लोगों को पहचानने की कोशिश करें, क्योंकि उन्हें आपकी तरक्की से ईर्ष्या होगी। आप किसी बैंक से यदि कोई लोन लेने की सोच रहे थे, तो उसके लिए आप अप्लाई कर सकते हैं।कन्या राशि :-आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। आपको अपने संतान की संगति पर विशेष ध्यान देना होगा और वाहनों का प्रयोग आप थोड़ा सावधान रहकर करें, क्योंकि कोई दुर्घटना होने की संभावना है। आप किसी से मांगकर वाहन न चलाएं और आपको किसी पुराने लेनदेन से आपको छुटकारा मिलेगा। आप अपनी शौक मजबूत की चीजों पर भी अच्छा खासा धन खर्चा करेंगे, लेकिन आप अपनी जेब का ख्याल अवश्य रखें। प्रेम जीवन जी रहे लोग साथी को कहीं बाहर घूमने फिराने के लेकर जा सकते हैं।तुला राशि :-आज का दिन आपके लिए ठीक-ठाक रहने वाला है। जीवनसाथी का सहयोग सानिध्य आपको भरपूर मात्रा में मिलेगा। प्रेम में सहयोग की भावना आपके मन में बनी रहेगी। संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी। आप छोटे बच्चों के लिए कुछ खाने पीने की चीजे लेकर आ सकते हैं, लेकिन आप अपनी माताजी के द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को लेकर भी सतर्क रहें, क्योंकि उनमें लापरवाही करने से वह आपसे नाराज हो सकती हैं। आप दोस्तों के साथ कुछ समय मौज-मस्ती करने में व्यतीत करेंगे।वृश्चिक राशि :-आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। आप अपने शत्रुओं को आसानी से मात देने की कोशिश में कामयाब रहेंगे। नौकरी की तलाश में लगे लोगों को कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। आप अपने कामों में सुधार लायेंगे। आपको अपने बिजनेस के किसी काम को लेकर कहीं बाहर जाना पड़ सकता है। आपको बेवजह क्रोध करने से बचना होगा। आप किसी सामाजिक आयोजन में सम्मिलित होंगे, जहां आपकी कुछ महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात होगी।धनु राशि :-आज का दिन व्यापार कर रहे लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। यदि आपको कोई शारीरिक समस्या थी, तो उसमें भी सुधार आएगा। आपको किसी से धन उधार लेने से बचना होगा। आप कार्यक्षेत्र में अपनी बात लोगों के सामने अवश्य रखें, नहीं तो आपको झूठा साबित किया जा सकता है। आप कहीं घूमने-फिरने जाने की योजना बनाएंगे, जिसमें आप माता-पिता से आशीर्वाद लेकर जाएं। आपको अपनी किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा।मकर राशि :-आज का दिन आपके लिए स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छे रहने वाला है। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। आप अपने आवश्यक कामों को पूरा करने में ढील बिल्कुल ना दें और संतान के मन में चल रही उलझनों को आपको जानने की कोशिश करनी होगी। यदि आपने किसी से कुछ कर्जा लिया था, तो उसे भी आप उतारने में सफल रहेंगे। आपको अपने आसपास रह रहे लोगों को पहचान कर चलना होगा।कुम्भ राशि :-आज का दिन आपके लिए तरक्की की राह पर आगे बढ़ने के लिए रहेगा। आप अपनी मेहनत से एक अच्छा मुकाम हासिल करेंगे। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी और आपको नौकरी में भी प्रमोशन आदि मिलने से आपका मन काफी खुश रहेगा। पार्टनरशिप यदि आप किसी काम को लेकर करें, तो उसमें पूरी लिखा पढ़ी करके चलें, क्योंकि बाद में आपके साथ कोई धोखा होने की संभावना है। किसी नये घर आदि की खरीदारी की आप योजना बना सकते हैं।मीन राशि :-आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। आप कोई निवेश थोड़ा समझदारी से करें। बिजनेस कर रहे लोगों को अच्छी सफलता मिलेगी, क्योंकि उनका डूबा हुआ धन भी आपको मिल सकता है। प्रेम जीवन जी रहे लोगों का कोई साथी पसंद आ सकता है, जिससे उनकी वाणी से लोग आपको काफी खुश करने की कोशिश में कामयाब रहेंगे, लेकिन आपके कुछ विरोधी भी उत्पन्न हो सकते हैं, जिनसे आपको बचना होगा।मेरा और आपका सुविचार जो हमे प्राप्त है वो प्रयाप्त है |