पूर्वोत्तर राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी सभा की कार्यसमिति बैठक चोमूं में सम्पन्न

13 अप्रैल 2025 को चोमूं वासियों की सहजता भरी आवभगत में प्रदेशसभा की पंचम बैठक सम्पन्न हुई। चोमूं के सारे माहेश्वरी बंधुओं को सपत्नीक आमंत्रित किया गया ताकि महासभा की पूर्ण जानकारी घर-घर पहुँच सके। कार्यक्रम का संचालन सर्वश्री राजेश खटोड़ व बृजेशकुमार लड्ढा ने करते हुए मंच पर विराजमान होने से पूर्व महेश वंदना के पश्चात संचालन व्यवस्था प्रदेशमंत्री श्री राजकुमार धूत को सौंप दी। शोकप्रस्ताव पर पूरे सदन ने खड़े होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रदेशमंत्री ने चतुर्थ कार्यसमिति बैठक की कार्यवाही का पठन, इस संशोधन के साथ कि श्री राधेश्याम परवाल ने कन्याओं के विलम्ब से विवाह होने पर चिंता व्यक्त करते हुए यह घोषणा की थी कि जयपुर जिले की उन माहेश्वरी कन्याओं (अधिकतम 11) को जिनका विवाह 21 वर्ष तक की उम्र में ही जायेगा उनको श्रीमती शकुन्तला देवी राधेश्याम परवाल फाउण्डेशन की ओर से 21,000/- की सम्मान राशि जयपुर जिला सभा एवं जयपुर जिला महिला संगठन की अनुशंसा पर दी जायेगी को सर्वसम्मति से पास किया गया। अर्थमंत्री सीए सत्यनारायण काबरा द्वारा लेखा-जोखा की संक्षिप्त जानकारी के पश्चात गत 30 मार्च 2025 को सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण कार्यक्रम के सजग कार्यकर्ताओं श्रीमती उमा परवाल (कार्यक्रम संयोजिका), सर्वश्री रामअवतार आगीवाल, लक्ष्मीनारायण मोदानी, रमेशकुमार भैया, बृजेशकुमार लड्ढा, ओमप्रकाश काबरा, राज के सोमानी, अनिल धूत को स्मृतिचिन्ह और दुपट्टा ओढ़ाकर सदन में उपस्थित वरिष्ठजनों से भावभीना स्वागत करवाया गया। प्रदेश महिला संगठन की मंत्राणी श्रीमती सुनिता जैथलिया की अनुपस्थिति में उनके भ्राता और जयपुर जिला के मंत्री श्री गोविन्द परवाल के माध्यम से सम्मान किया गया।

प्रदेशाध्यक्ष श्री जुगलकिशोर सोमाणी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन से पहले सभा का आह्वान किया कि पहले आप अपनी बात रखें ताकि सभी बिन्दुओं पर प्रकाश डाला जा सके। प्रदेश संयुक्तमंत्री श्री नवलकिशोर झंवर ने संरक्षक बनाने व ट्रस्ट के बारे में तथा कार्यवाही (रपट) में खुले मंच की बातों का उल्लेख करने की बातें कही। श्री रमेश कुमार भैया ने छ: लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले परिवारों से वैक्सीन की आधी कीमत लेने की बात कही। 

प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि संरक्षक नियुक्त नहीं किए गए थे बल्कि प्रस्ताव रखा था, इस प्रस्ताव को सदन की तृतीय बैठक में ही अस्वीकार कर दिया गया था, इसी तरह उसी तृतीय बैठक में ट्रस्ट को उसके असामान्य विधान के कारण अस्वीकार कर दिया गया था, तो आप प्रदेश के संयुक्तमंत्री होकर भी पुन: क्यों उठा रहे हैं? यह उचित नहीं है। श्री राधेश्याम परवाल ने भी कहा कि जो विषय पहले ही समाप्त हो गए उनको बारबार नहीं उठाना चाहिए। पूरे सदन ने अध्यक्ष व परवालजी के इन वक्तव्य पर अपनी सहमति जताई। वैक्सीन के बारे में अध्यक्ष ने बताया कि चूँकि श्री बांगड़ माहेश्वरी मेडिकल वेलफेयर सोसायटी ABMM SAMPARK ID को चेक करके (छ: लाख वार्षिक आय तक के परिवारों की एप्प उल्लेखित बच्चियों के नामानुसार) हमें कीमत का 50 प्रतिशत अनुदान देती है। हमारी लिस्ट में से वे नाम भी कट जाते हैं जिन्होनें अपनी आइडी में आय के विवरण में Do not want to disclose लिखा है, जबकि गूगल फार्म (जो वैक्सीन के लिए भराया गया था) में छ: लाख तक की वार्षिक आय दिखाई है, इन नामों की सुचि पर भी अनुदान नहीं मिलेगा। बांगड़ मेडिकल 15 वर्ष से ऊपर की बच्चियों को लगने वाली तीसरी वैक्सीन पर भी अनुदान नहीं देगा। ये बात गूगल फार्म में स्पष्ट लिखी हुई है। परन्तु प्रदेशसभा की भावना है कि तीसरी वैक्सीन भी निशुल्क लगाने का प्रयास करेंगे। प्रदेश सभा सारे कैंप पूर्ण होने के समय एक रुपया भी सरप्लस नहीं रखेगी। अभी तक हमें 200 वैक्सीन 640/- 1,28,000/-  का स्थानीय बंधुओं से अनुदान स्वरूप सहयोग मिला है। उत्पादक कंपनी 2,000/- MRP की जगह हमसे 1280/- प्रति वैक्सीन ले रही है और बांगड़ मेडिकल वास्तविक आँकड़ों के आधार पर 640/- का अनुदान दे रही है, अत: हमें अंतिम वैक्सीनेशन कैंप तक की सुचारू व्यवस्था तो करनी ही पड़ेगी।  

इस अवसर पर अर्थमंत्री श्री सत्यनारायण काबरा ने घोषणा की कि अगले कैंप से पहले मैं 100 वैक्सीन का अनुदान (640/-) इक_ा करवा देने का आश्वासन देता हूँ। क्षेत्रीय माहेश्वरी सभा, टोंक फाटक के अध्यक्ष श्री लक्ष्मीकान्त के प्रश्न के बाद सदन ने तय किया कि 25 वैक्सीन 640/- 16,000/- से कम का अनुदान स्वीकार नहीं किया जाएगा।

तत्पश्चात प्रदेशाध्यक्ष ने विस्तार से पहले महासभा की फ्लैगशिप योजनाओं को बताते हुए विशेषत: चोमूं मातृशक्ति का आह्वान किया कि आप आगे आकर समाज हितार्थ कार्यक्रम में सक्रियता निभाइए। आज महासभा से प्रेरित ट्रस्ट सालाना 20 करोड़ रुपयों का विभिन्न तरीकों से वितरण करती है। हमारे युवा व दूरदृष्टा सभापति श्री संदीप काबरा के आह्वान पर अनेकों अन्य समाज ट्रस्ट वार्षिक 25 लाख रुपयों का अनुदान महासभा की प्रेरणा से देगी। इस पर सभापति ने करतल ध्वनि के साथ यह घोषणा की कि अब हम समाज हितार्थ 20 करोड़ की जगह 50 करोड़ का वार्षिक वितरण करने में सक्षम हो गए हैं, अत: सर्वप्रथम हमारे जो परिवार वार्षिक एक लाख तक की आय से जीवन-यापन कर रहे हैं, उनका उन्नयन हमें दो वर्षों के भीतर करना है। प्रदेशाध्यक्ष ने आह्वान किया कि यदि हम सब निष्ठापूर्वक जुड़ जाएंगे तो हमारे अशक्त परिवारों को सशक्त कर पाएंगे। आप सभी स्थानीय स्तर पर सक्रिय हो जाइए। आपकी एक-एक जिज्ञासा का हल हम स्थानीय स्तर से महासभा तक पहुँच कर निकालेंगे। ABMM SAMPARK APP के महत्व को विस्तार से समझाते हुए कहा की सीकर-झूंझनू जिला सभा के एडमिन श्री मनोज सोढानी यहाँ उपस्थित हैं, आप इनसे भलीभान्ति इस विषय को समझकर जुड़ सकते हैं और अपनी जानकारी को संशोधित भी कर सकते हैं। आपकी सही जानकारी से महासभा को समाजोत्थान की योजनाओं को बनाने और क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा। युवा दंपति को तीसरी संतान के अवतरण की बात को गम्भीरतापूर्वक लेना चाहिए। हम दिनोंदिन घटते जा रहे हैं।  क्या होगा हमारी अरबों-खरबो के जनकल्याणार्थ स्थापित प्रकल्पों का, क्या होगा हमारे वणज-व्यापार का,  कैसे होंगे हमारे साख-सम्बन्ध, कहाँ दिखेगी हमारी प्रबुद्धता। आज न जानें किस भय से एक संतान का प्रचलन बढा है जबकि हम तीसरी संतान का आग्रह कर रहे हैं। आज समाज की विभिन्न जनहितार्थ संस्थाएं तीसरी संतान के लिए विभिन्न सकारात्मक घोषणाएं कर रही है, इस बात पर हमें ध्यान तो देना ही होगा। एक संतान की सोच के पीछे कहीं न कहीं हम वयस्क भी दोषी हैं। हमने बच्चों-बच्चियों को एज्युकेशन के सागर में तो ढकेल दिया किन्तु संस्कार, सेवा-सदाचार-त्याग के भाव, संस्कृति, भाईचारा आदि को सिखाने का प्रयास ही नहीं किया। दुष्परिणाम यह निकला कि बच्चों का लालन-पालन करने वाले दादा-दादी अपने पुस्तैनी धरोहर की रखवाली कर रहे हैं या वृद्धाश्रम के निवासी बनते जा रहे हैं। आज आम युवा नौकरी-पसंद हो गया, दूर जा बैठा, विजातीय सम्बन्धों में जकड़ गया और फिर तलाकीय नर्क से ग्रसित हो गया। हमारी वणज-व्यापार की कौम मुनीमी (एज्युकेटेड होकर) कर रही है। महासभा ने तो इस विषय को गम्भीरता से लेते हुए आह्वान किया किया है कि नौकरी करनी है तो कम से कम प्रशासनिक क्षेत्र में तो अपनी कौशलता दिखाइए। आज दिल्ली-मुम्बई जैसे महानगरों में प्रशासनिक शिक्षा ग्रहण करने हेतु न केवल छात्रावास बनें है बल्कि समाज के अनेक लब्ध-प्रतिष्ठित व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी अपनी मानद् सेवाएं दे रहे हैं। इस क्षेत्र में जाएंगे तो माँ-बाप का साया हमेशा आपके संग रहेगा, बच्चों को संस्कारित करने की पाठशाला आपके आँगन में ही 24×7 खुली रहेगी।

आगामी 9-10-11 जनवरी 2026 को जोधपुर में महासभा सन् 2019 की तरह पुन: माहेश्वरी महाकुम्भ (महासम्मेलन) करने जा रही है। मुझे याद है कि हमारे विराट-पुरुष, माननीय उच्चतम न्यायालय के मुख्यन्यायाधीश दिवंगत रमेशचन्द्र जी लाहोटी ने कहा था कि ऐसे महासम्मेलन 5-6 वर्षों के अंतराल से होते रहने चाहिए ताकि समाज की तपोनिष्ठ जागृति सतत बनी रहे। मैं आप सबसे आग्रह करता हूँ कि ऐसे महासम्मेलन में अपनी उपस्थिति अवश्य बनाइए, इससे दूरगामी सामाजिक समरसता बनती है। दु:ख-सुख के साथी बनते हैं। साख-सम्बन्ध करने में सहायता मिलती है। दूर शहर जाकर भी निकटता का अनुभव होता है।

चोमूं शहर के सर्वश्री श्रवण खटोड़ , राजेश खटोड़, मुकेश खटोड़, विष्णु खटोड़, पत्रकारबंधु श्री विष्णु का दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया गया व प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सभी सेवाभावियों का जिन्होनें प्रदेश के संयुक्तमंत्री श्री कमल खटोड़ के आह्वान को सहर्ष स्वीकार कर चाय-पानी-भोजन-आइसक्रीम के साथ-साथ प्रवेशद्वार पर ही तिलक व दुपट्टा ओढ़ाकर अपनी सरलता-सहजता-आत्मीयता के साथ सभी आगन्तुकों का भावभीना स्वागत किया।

बैठक के समापन पर तहसील माहेश्वरी सभा चोमूं के अध्यक्ष व मंत्री ने सभी का आभार प्रगट करते हुए आराध्य श्री बांकेबिहारीजी की भोग आरती में सम्मिलित होने के पश्चात भोजन-प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया। राष्ट्रगान के पश्चात प्रदेशसभा की पञ्चम कार्यसमिति बैठक का समापन हुआ।

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