परिवार की चौथी पीढ़ी कन्या के जन्मने पर जयपुर लोहिया परिवार ने की सामाजिक सशक्त पहल

भारतीय सामाजिक रीति-रिवाजों की मान्यता के अनुसार पड़पोता होने पर पड़दादा को सोने की सीढ़ी चढ़ा कर दिव्य रस्म निभाई जाती है, परंतु घर में बेटी के जन्मने के पश्चात् इस रीति को नया स्वरूप देकर एक सशक्त पहल की है जयपुर निवासी लोहिया परिवार ने, जो मूलत: जोधपुर से हैं। यह पहल पारम्परिक विधाओं और मान्यताओं से बिल्कुल अलग रही। दादा और दादी बने श्री अनिल लोहिया एवं श्रीमती विनीता लोहिया का कहना है कि अब बेटा और बेटी दोनों समान है। बेटा घर का चिराग है तो बेटी घर की ज्योति है। बेटी दो कुलों को संवारती है। इसी उद्देश्य के साथ चौथी पीढ़ी में लड़के के जन्म होने पर स्वर्ण सीढ़ी आरोहण की परंपरा को अपने परिवार में पौत्री के जन्म पर इसे निभाया है, इससे लोहिया परिवार ने न सिर्फ मिसाल कायम की है, अपितु छोटे हो रहे परिवारों को भी इस पारिवारिक खुशी का महत्व बताया है। अनिल जी इस विशिष्ट कार्य के लिए अपनी बहन मंजू भूतड़ा और श्री मनमोहन भूतड़ा सुपुत्र स्व.गिरिराज प्रसाद भूतड़ा को ही अपना प्रेरणा स्तोत्र बताया है।

इस पावन अवसर पर परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी और श्रीमती मधु भूतड़ा 'अक्षराÓ ने अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से कन्या के माता-पिता हर्षित और कीर्ति के साथ लोहिया परिवार को बधाई संदेश भी प्रेषित किया। इस सोने की सीढ़ी की पूजा के दौरान आध्यात्मिक एवं आत्मज्ञान के अनंत पथ की ओर चलने की प्रेरणा दी जाती है और अंतर्मन में विराजे प्रभु के साथ गहरे सम्बंध को बढ़ावा देते हुए दिव्य अलौकिक भावों का आह्वान किया जाता है।

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