डॉ. विमला भंडारी, सलूम्बर सम्मानित हुई
जोधपुर, सूर्यनगरी में 15 सितंबर को शाम बाल साहित्य संबंधित विमर्श से संपन्न हुई। आचार्य लक्ष्मीकांत जोशी साहित्य (बालकथा साहित्य) सम्मान समारोह ने बाल साहित्य के प्रेरक आयाम पर व्यावहारिक चिंतन व्यक्त करते हुए अनेक गंभीर निष्कर्ष दिए। आचार्य लक्ष्मीकांत जोशी साहित्य सम्मान की विजेता डॉ. विमला भंडारी को सम्मानित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी डॉ. विकास दवे ने उनके बाल कथा संग्रह 'पृथ्वी ने मांगी चप्पलÓ के लिए साफा, सम्मान पत्र, शॉल, श्रीफल और 21,000 रुपए की राशि भेंट की। अपने वक्तव्य में डॉ. भंडारी ने इस सम्मान को स्वयं को गौरवान्वित बताते हुए कहा कि बाल साहित्य लेखन का विकास हमारे भविष्य का विकास है। बालक राष्ट्र का भावी निर्माता है। उनमें सु संस्कार रोपित करने का काम देश को मजबूत करने वाला कदम है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. दवे ने इस सृजना द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह को अभूतपूर्व बताया इस आयोजन में हुए विमर्श ने बाल साहित्यकारों को चिंतन के नए आयाम दिए। कार्यक्रम के अंत में नाट्यकार और कत्थक नृत्यांगना महुआ कृष्णदेव ने डॉ. विमला भंडारी की कहानी पृथ्वी ने मांगी चप्पल कहानी की प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुति दी। प्रगति गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन सृजना के सचिव हरिदास डॉ. हरिदास व्यास ने किया।

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