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यह डांगरा, बाहेती की कुल माता है। गोलकिया, पंसारी नख वाले मानते हैं। सोढ़ल माताजी का मन्दिर जैसलमेर दुर्ग में थोड़े आगे चलते ही अखै प्रोल के पास में ही स्थापित है। यह मन्दिर 400 वर्ष पुराना बताते हैं। मन में मांगी गई मुरादों को पूरी करने वाली चमत्कारिक सोढ़ल माता मन्दिर में प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मन्दिर तक पहुंचने के लिये अनेक प्रकार की वाहन सुविधाएं उपलब्ध है। ठहरने के लिये भी अनेक स्थान यहां उपलब्ध है। |