श्री संचाय माता, ओसिंया (जोधपुर)


यह बिहानी, अटल, कासट, करवा, चाण्डक, डागा (परतानी), साबू, बांगड़, बिड़ला, मालू, मंत्री, भन्साली, रांधड, राठी, लखोटिया, लढ्ढा, सारडा तथा सिंगची खांप की कुल माता है।

ओसिंया जिला जोधपुर में माताजी का भव्य ऐतिहासिक मन्दिर है। भूमितल से लगभग 125 फीट ऊंची पहाड़ी पर बने हुए इस मन्दिर तक पहुंचने वाली सीढिय़ों पर 9 तोरण द्वार बने हुए हैं जिन्हे नवदुर्गा के नाम से अलंकृत किया गया है। ऐसी मान्यता है कि प्रतिमा पहाडी से प्रकट हुई थी। मुख्य शिखर पर ध्वजादण्ड के पास सोने का कलश स्थापित है जिसमे धृत भरा हुआ है। मन्दिर के सामने महामंडप मे हवनकुण्ड बना हुआ है। ऊपर सोलह पुतलियो की छवि दिखाई पड़ रही है। मन्दिर प्रांगण में भगवान शिव का मन्दिर भी बना हुआ है। पश्चिमाभिमुख इस मन्दिर के सामने वाली गली में माहेश्वरी भवन है इसके अलावा यहां धर्मशाला व अतिथि गृह भी बने हुए है। मन्दिर के सामने तथा आसपास अनेको माहेश्वरी बन्धुओं की दुकानें है।

मन्दिर में प्रत्येक नवरात्रि में उत्सव मनाया जाता है जिसमें कलश स्थापना के साथ ज्वारे उगाये जाते है। माताजी की केशर पूजा होती है। महापूजा अभिषेक होता है जिसमें दम्पति भक्तो को स्वयं बैठने का अवसर मिलता है। दोनो नवरात्रि में होमाष्टमी का हवन अष्टमी को रात्रि 9 बजे से 1.30 बजे के मध्य होता है।

मन्दिर में आरती का समय चैत्र सुदी एकम से आसोज बड़ी अमावस्या तक सुबह 8.30 बजे तथा आसोज सुदी एकम से चैत्र बदी अमावस्या तक सुबह 9 बजे का है। शाम की आरती प्रतिदिन सुर्यास्त के 20 मिनट बाद होती है।

ओसिंया जोधपुर से 65 किमी दूर है। जोधपुर से रेलमार्ग व सड़क मार्ग दोनो से ही सुगमता के साथ ओसिंया पहुंच सकते है।

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