श्री पाढाय माता, डीडवाना (नागौर)


यह बिदादा, खटौड, कलंत्री, कचोल्या, गगरानी, बहेडिया (बजाज), कचौल्या (चेचाणी), देवपुरा, नौलखा खांप की कुल देवी है।

नागौर जिले के डीडवाना से 12 किलोमीटर दूर मारवाड़ बालिया स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर पाढाय माता का प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर आदि शक्ति स्वरूप होने के कारण प्रसिद्ध है। मंदिर में स्थापित शिलालेख के अनुसार विक्रम संवत 902 में आसोज सुदी 9 को भैंसा सेठ द्वारा इसका निर्माण कराया गया था। माता के मंदिर में दो मूर्तियां है। इनमें से एक बालिका तथा दूसरी महिषासुर मर्दिनी के रूप में है इनके बांई ओर भैरवनाथ की मूर्ति है। औंरगजेब के समय में माता की दोनो मूर्तियां तो सुरक्षित रही किन्तु मन्दिर के बाहरी हिस्से की मूर्तियों को खण्डित किया गया। आततायियों को माता ने कन्या रूप में ही भगाया जिससे मन्दिर की मूल मूर्तिया सुरक्षित रह सकी। एक शिला लेख 1765 के अनुसार एक अंग्रेज अधिकारी ने बरामदा बनवाया था।

माता का एक मन्दिर डीडवाना शहर के कोट मौहल्ला में भी स्थित है जिसमें मूर्ति स्थापना 1975 में हुई तथा मन्दिर का जीर्णोद्धार सम्वत 2030 में हुआ। यहां आने वाले यात्रियों के ठहरने के लिये चार कमरे बने हुए है जिसका निर्माण डीडवाना के सारडा परिवार ने करवाया है। यहां भोजन की सुविधा न्यूनतम दर पर उपलब्ध है। पुजारी का मो. नं. 9828729391 है।

डीडवाना नागौर से 90 किमी की दूरी पर स्थित है। नागौर से यहां आवागमन के साधन उपलब्ध है। पाढाय माताजी का एक मन्दिर जायल (नागौर) में भी स्थित है। यह मन्दिर 170 वर्ष पुराना है। मन्दिर का जीर्णाद्धार श्री शिवबक्स हीरालाल परिवार द्वारा कराया गया है।

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