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नौसल माता को सारडा, चितलांग्या, जैथलिया, फोफलिया और भाला खांप वाले अपनी कुल देवी मानते हैं। नौसल माताजी का मन्दिर अजमेर से 75 किमी दूर मदनगंज-किशनगंज के समीप नौसल कोठडी ग्राम में स्थित है। एक तालाब के किनारे सुरम्य माहौल में स्थित यह मन्दिर पांडव कालीन 5000 वर्ष पुराना हो कर पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां की एक ओर विशेषता यह है कि इस मन्दिर के समीप एक लेटा हुआ इमली का पेड़ है। जो आने वाले दर्शनार्थियों के लिये आकर्षण का केन्द्र है। यहां प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को विशिष्ट आयोजन होते हैं। इस दिन अपनी मान मनौती के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमडती है। मात्र 100 व्यक्तियों की यह छोटी सी जनसंख्या इन सभी व्यवस्थाओं को संभालती है। यहां पर लोग अपनी परम्परानुसार माताजी को भोग लगाते हैं। यहां पर ठहरने के लिये कोलकात्ता के भाला परिवार ने कुछ कमरे बनवाये है। लॉज व ठहरने के अन्य उत्कृष्ट व्यवस्था मदनगंज-किशनगंज में हो जाती है। |