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आमल माता कांकाणी खांप की कुल देवी है। माताजी का मन्दिर ग्राम रिछेड जिला राजसमन्द से 3 किमी की दूरी पर एक पहाड़ पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि माताजी का यहां आगमन ग्राम उनवां से हुआ एवं वे पहाड़ी पर स्थित बांस के पौधे से प्रकट हुई। इस भव्य व विशाल मन्दिर तक पहुंचने के लिये 350 सीढ़िया चढनी पड़ती है। सबसे पहले गणेशजी का मन्दिर आता है इसके पश्चात आमल माताजी का छोटा मन्दिर एवं यहां से लगभग 15-20 फीट ऊपर आमल माताजी का बड़ा मन्दिर स्थित है। छोटे मन्दिर के पास ही एक मनोरम झरना एवं छोटा कुण्ड है जहां 12 महीने स्वच्छ पीने योग्य ठंडा जल उपलब्ध रहता है। दोनो ही मन्दिर सुन्दर है एवं माताजी की मूर्ति अत्यन्त मनोरम एवं आकर्षक है। पूरे वर्ष में माताजी के दो विशेष आयोजन किये जाते है जिसमें ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन दोपहर बाद मन्दिर पर ध्वजा चढ़ती है एवं मेला लगता है जिसका समापन ध्वजारोहण के पश्चात होता है। इसी प्रकार भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन माताजी की मीठी पूजा होतीहै एवं खीर का भोग लगता है। इस दिन पूरे रिछेड गांव का समस्त दूध माताजी के मन्दिर को जाता है एवं सिर्फ खीर का भण्डारा होता है। नवरात्रि में विशेष रूप से हवन होता है। नाथद्वारा से 60 किमी की दूरी पर चारभुजा मन्दिर है। यहां से केलवाड़ा उदयपुर मार्ग पर 7 किमी की दूरी पर गांव रिछेड है। राजसमन्द से मन्दिर तक पहुंचने के लिये यातायात के अनेक साधन उपलब्ध है। |