श्री धोलेश्वरी माता, अलवर


यह मण्डोवरा खांप की कुल माता है।

माताजी का नयनाभिराम मन्दिर अलवर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील में बहलुकुला ग्राम के नजदीक धोल पर्वत पर स्थित है। यह दिव्य स्थल तंत्र ज्ञानियों के लिये कामना सिद्धि का पवित्र स्थल माना जाता है। आल्हा उदल ने भी इसी तपोभूमि में मां की अराधना व तपस्या कर मां से विजयश्री का उतम वरदान प्राप्त किया था। एक मान्यता के अनुसार मां ने सर्वप्रथम अपने दिव्य दर्शन लक्खी नाम के बंजारे को प्रदान किया था जिसके प्रभाव स्वरूप लक्खी ने इस पहाड़ी के ऊपर मां के मन्दिर की स्थापन की व क्षेत्र का प्रमुख शक्ति स्थल बनाया। भूतल से मन्दिर की उंचाई लगभग 135 फीट है। कुल सिढिय़ा 163 है। नीचे से ऊपर तक का संपूर्ण मार्ग सुरक्षित व छायादार है। मन्दिर परिसर अत्यन्त स्वच्छ साफ व सौम्य वातावरण से युक्त है। पृष्ठ भाग में मधुर जलकुण्ड स्थित है। आस-पास रात्रि विश्राम स्थल व भोजनादी की व्यवस्था है।

मन्दिर परिसर में पहुंचते ही मां के चमत्कारी स्वरूप के दिव्य दर्शन होते हैं। मां की संगमरमर की अत्यन्त तेजस्वी व सौम्य प्रतिमा पूर्वाभिमुख विराजीत है। श्री हनुमानजी महाराज व राम दरबार की छटा भी निराली है। दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक मन्दिर के पट मंगल रहते है। मन्दिर में चलित हवन कुण्ड की सुलभ व्यवस्था है। नवरात्रि में घट (कलश) स्थापना, अभिषेक, महापूजा, पाठ, हवन आदि निरन्तर चलते रहते हैं।

धोलागढ जाने के लिए मथुरा, डींग, खुडियाना, बसेर-धोलागढ मार्ग उत्तम है। यह मथुरा से 90 किमी दूर है। रेलमार्ग से हिन्डोन सिटी रेलवे स्टेशन पहुंच कर यहां से जयपुर धोलागढ़, हिन्डोन सिटी धोलागढ़ अथवा उदयपुर धोलागढ की बस द्वारा भी आसानी से धोलागढ पहुंच सकते है।

 

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