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यह भट्टड़ खांप की कुल माता है। विसु माताजी को बिसानी, जेठा, भट्टड़, कुलधरिया, मेहरा नख वाले भी मानते है। यह मन्दिर 1811 का बना हुआ है। जैसलमेर के गड़सीसर तालाब के पास मुक्तेश्वर मन्दिर से आगे गडीसर आड़ (बन्धा) के पास मन्दिर है। जैसलमेर में ठहरने के लिए माहेश्वरी भवन है। माताजी को किसी भी मिठाई का भोग लगाया जा सकताहै। माहेश्वरी समाज के अलावा अन्य समाज भी श्रद्धा रखते हैं। |