श्री भैसादश्री माता, नीमच


यह आगीवाल खांप की कुल माता है इसे भैंसाद पाडा माताजी के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता के अनुसार अक्टूबर 1984 में माहेश्वरी मौहल्ला नीमच सिटी के श्री नन्दलाल आगीवाल को ब्रह्मवेला में माताजी ने लाल वस्त्रों में दर्शन दिए और कहा कि वे नीमच में प्रकट होगी। नन्दलाल जी ने प्रात: ही अपना स्वप्न परिजनों तथा अन्य आगीवाल बन्धुओ तक पहुंचाया। मीणा मौहल्ला स्थित मन्दिर में जिर्णोद्धार की कार्ययोजना निमित्त की जाने लगी और मात्र 1 माह पश्चात नवम्बर 1984 में जिर्णोद्धार कार्य आरम्भ हो गया। स्वप्न में बताये अनुसार पत्थर की प्रतिमा के रूप में माँ भैंसादश्री खुदाई के दौरान ही प्रकट हो गयी। आगीवाल बन्धुओं द्वारा फरवरी 1985 में ही मन्दिर का जिर्णोद्धार कार्य पूर्ण कर लिया गया।

मन्दिर में दोनो नवरात्रि में नौ दिनों तक घट स्थापना के पश्चात विभिन्न पूजन तथा अष्टमी को हवन धूप भोग आदि कार्य नियमित आरती के साथ सम्पन्न होते हैं।

पश्चिम रेलवे के रतलालम व चित्तौडग़ढ़ के मध्य स्थित नीमच सिटी स्टेशन से 4 किमी व बस स्टैण्ड से डेढ किमी की दूरी पर स्थित मन्दिर के लिये दोनों स्थानों से सुगमता के साधन उपलब्ध है।

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