माहेश्वरी समाज मानव मात्र की सेवा में अग्रणी है। पूरे देश के माहेश्वरी भवन सर्व समाज के लिए खुले हैं - संदीप काबरा

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के सभापति श्री संदीप काबरा ने कहा कि माहेश्वरी समाज खुद के लिए नहीं जीता, वह देश की रक्षा एवं मानव मात्र की सेवा के लिए प्रथम स्थान पर खड़ा है।

श्री काबरा 25 मई को जयपुर में श्री माहेश्वरी समाज, जयपुर के जनोपयोगी भवन 'अभिनन्दनÓ के दानदाता स्नेह मिलन समारोह के अवसर पर जवाहर नगर स्थित तक्षशिला सभागार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि माहेश्वरी जाति संख्या में बहुत कम है लेकिन सेवा कार्यों में अन्य जातियों की तुलना में बहुत अधिक आगे हैं। 

पूरे देश भर में समाज के भवनों, शिक्षण संस्थाओं इत्यादि अन्य सुविधाओं में कही भी रिजर्वेशन नहीं है। सर्व समाज के उपयोग के लिए खुला है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज माहेश्वरी समाज, जयपुर पूरे देश में सेवा कार्यों हेतु प्रथम स्थान जाना जाता है। समाज द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं पर सभी को गर्व है। अब जयपुर समाज चिकित्सा के क्षेत्र में भी कदम रख चुका है जो हर्ष का विषय है।

इस अवसर पर श्रीगंगानगर के विधायक श्री जयदीप बिहाणी ने कहा कि जयपुर माहेश्वरी समाज ने पूरे देश में जो नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए है वह स्वागत योग्य है। राजनैतिक, क्षेत्र में भी माहेश्वरी समाज की खूब प्रशंसा होती है।

समारोह में समाज अध्यक्ष श्री केदार मल भाला ने अपने उद्बोधन में समाज द्वारा किए जा रहे विभिन्न सेवा कार्यों व उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया।

अभिनन्दन के अध्यक्ष श्री शांतिलाल जागेटिया ने सभी दानदाताओं का स्वागत करते हुए कहा कि इस भवन की जमीन खरीद से लेकर निर्माण और वर्तमान में संचालन तक में जिन महानुभावों ने सहयोग दिया है उनका आभार व्यक्त करता हँू। यह भवन केवल भवन ही नहीं आपके विश्वास, एकता व भविष्य की नींव है।

अभिनन्दन के सचिव श्री महेश साबू ने बताया कि सभी आधुनिक सुविधाओं युक्त यह भवन समाज बन्धुओं के लिए मात्र 1.25 लाख प्रतिदिन के शुल्क में उपलब्ध है। इस भवन में न केवल शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य, बल्कि लॉयन्स व रोटरी क्लबों द्वारा परिचर्चाएं, कार्पोरेट कम्पनियों की सेमीनार, भागवत कथाएं तथा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती हैं। 

समारोह के अन्त में बेंगलुरु निवासी अंजना चाण्डक ने अपनी विशिष्ट कथा-वाचन शैली में धर्मनायिका द्रोपदी की आत्मा को प्रभावी नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से जीवंत कर दर्शकों की खूब वाह-वाही लूटी।

इस कार्यक्रम के संयोजक श्री अंकुर बल्लभ चितलांगिया एवं मंच संचालन श्री राम किशन सोनी ने किया।

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