महेश नवमी के उपलक्ष में सामाजिक व राष्ट्रीय विषयों पर चिंतन मनन को सार्थक करते हुए राष्ट्रीय महिला संगठन द्वारा सप्त दिवसीय रेनबो पार्ट 3 का वर्चुअल आयोजन
अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महेश नवमी के उपलक्ष्य में, संस्कार सिद्धां बाल एवं किशोरी विकास समिति के अंतर्गत, सप्त दिवसीय कार्यक्रम रेनबो पार्ट का आयोजन ज़ूम सभागार में कुशलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस समिति द्वारा पूर्व में रेनबो पार्ट 1 - बाल एवं किशोरियों के लिए उत्सव के रंग कला के संग और रेनबो पार्ट 2 - मन के रंग तन के संग कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुए थे। रेनबो पार्ट 2 में, तेरा विषयों पर पूरे सप्ताह प्रसिद्ध प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया, वहीं प्रत्येक रविवार को बच्चों को हमारी संस्कृति और त्योहारों के बारे में उनकी रचनात्मकता के साथ, प्रत्येक क्षेत्र के ट्रेनर्स द्वारा कार्यशालाएँ आयोजित की गईं।
रेनबो पार्ट 3, 26 मई से 1 जून तक सप्त दिवसीय कार्यक्रम 'जीवन के रंग अभिप्रेरणा के संग' के रूप में आयोजित किया गया। इसमें जीवन के रंग को व्यक्तित्व के प्रत्येक क्षेत्र में ज्ञान की व्याख्यानमाला से सप्तरंगी निखार लाने की कोशिश की गई।
महेश नवमी के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रतिदिन अतिथिगण और प्रखर वक्ताओं द्वारा, जो भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से थे, मार्गदर्शन दिया गया।
26 मई को किशोरियों और युवतियों के लिए आत्मरक्षा राष्ट्रीय महा अभियान की विस्तृत जानकारी दी गई, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया जा रहा है। उस दिन ज़ूम सभागार में प्रशासनिक अधिकारी और मनोचिकित्सक उपस्थित थे, जिनके द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु विस्तृत जानकारी संगठन को दी गई। यह कार्यक्रम राष्ट्र के सभी संगठनों द्वारा जून, जुलाई और अगस्त - इन तीन माह में संपन्न किया जाएगा।
दिनांक 27 मई को कार्यक्रम के अतिथि महासभा के सभापति श्री संदीप काबरा ने राष्ट्रीय महिला संगठन द्वारा किए जा रहे सेवा प्रकल्पों की प्रशंसा करते हुए इस सुंदर कार्यक्रम हेतु अपने विचारों से सभी का उत्साहवर्धन किया। प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित श्रीमान रमेशजी मर्दा ने बहुत बड़ी बात कही कि सर्वोच्चता की दौड़ में आज परिवार नगण्य हो रहे हैं। अत: परिवार में बच्चों तथा युवा पीढ़ी में संस्कार व संस्कृति के प्रति सजगता अति आवश्यक है जिसके लिए महिला संगठन अवश्य प्रयास करें।
28 मई को अतिथि रूप में उपस्थित महासभा के कोषाध्यक्ष श्री राजकुमार काल्या ने महिला संगठन के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि इस पुरुष प्रधान देश में कई क्षेत्रों में आज हमारी बहनें बहुत आगे हैं। प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित अनुराधा जाजू ने कहा, सपने वे होते हैं जो हमें विजऩ देते हैं, हमें आगे बढऩे के लिए प्रेरित करते हैं। अत: सपना पूरा करने के लिए सपनों का स्मार्ट होना बहुत ज़रूरी है।
29 मई को प्रमुख अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती मंजू बांगड़ ने समिति द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए समिति प्रभारी अंजली तापडिय़ा, प्रदर्शक अनुसूया मालू और उनकी पूरी टीम का अभिनंदन किया, साथ ही उन्हें राष्ट्र द्वारा इस चहुमुखी कार्यक्रम को संपन्न कराने हेतु धन्यवाद दिया। राष्ट्रवाद सर्वोपरि... इस भावना को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा ऑपरेशन सिंदूर में दो महिला अधिकारियों विंग कमांडर व्योमिका सिंह तथा कर्नल सोफिया कुरैशी की भूमिका ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की महिलाएं किसी से कम नहीं। जल थल नव तीनों सेना में अपना शौर्य का परिचय देते हुए अपनी क्षमता का लोहा मनवा रही है। यह बदलते भारत की नई तस्वीर है जिसके लिए समस्त नारी शक्ति का कोटि कोटिअभिनंदन। प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित श्री पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ एक ऐसे राष्ट्रभक्त थे जिन्होंने अपने व्याख्यान में भारत की राजनीति ही नहीं अपितु इतिहास के संबंध में भी प्रभावशाली जानकारी दी। उन्होंने सच्चाई से हर बात को रखकर समस्याओं से परिचित करवाया और देव भक्ति, देशभक्ति व राष्ट्रभक्ति क्या होती है, कैसे करें - इन विषयों पर बहुत सुंदर विचारों से सभी को बताया।
30 मई को अतिथि रूप में उपस्थित राष्ट्रीय युवा नेतृत्वकर्ता श्री शरद सोनी ने महिला संगठन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस संगठन की विशेषता है कि यहाँ सभी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हमेशा अपना सहयोग देते हैं और आज भी हर कार्यक्रम में उपस्थित रहते हैं, जो किसी अन्य संस्था में दिखाई नहीं देता है। प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित SA से मोनिका पनपलिया ने आधी रात के समय भी एक समर्पण की भावना से बहुत सुंदर अपना वक्तव्य रखा। आपने कहा था कि प्रतिबद्धता सफलता की पहली सीढ़ी है और आत्मविश्वास एक ऐसा शस्त्र है जो जीवन में हमें आगे बढ़ाता है, कभी विफलता नहीं होने देता है। पुणे से शालिनी मूंदड़ा द्वारा मोनिका जी से किए गए प्रश्न बहुत ही अतुलनीय थे।
31 मई को अतिथि रूप में निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी उपस्थित थीं। आपने सनातन धर्म के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए जो 9 मंत्र सभी के समक्ष रखे, वे बहुत कारगर थे। कार्यक्रम में उपस्थित सुरभि मोहता जिनके भाव भरे गीत के माध्यम से संगीत की मधुरता ने आत्मा को छुआ। कोटा से उपस्थित श्री गोविंद माहेश्वरी ने तो माटी के रंगों को स्वरों के संग जोड़कर जीवन का उद्देश्य और मूल्यों की सुंदर व्याख्या कर देशभक्ति के गीतों से पूरे ज़ूम प्रांगण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया था।
1 जून को अतिथि रूप में महासभा के निवर्तमान सभापति श्री श्याम सोनी उपस्थित थे। आपने कहा कि हम बच्चों का जन्मदिन जिस तरह प्रतिवर्ष मनाते हैं, तो फिर विश्व विख्यात समाज के वंशोत्पत्ति दिवस को भी किस तरह विस्तृत रूप में मनाया जाए, इसकी सुंदर परिभाषा की। प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित संगमनेर के श्री संजय मालपानी ने माहेश्वरी उत्पत्ति दिवस की संपूर्ण गाथा एक कहानी के माध्यम से सबके समक्ष रखी। आपने महिलाओं के गुणों को विभिन्न उदाहरण के माध्यम से बहुत सुंदर दर्शाया जिससे सभी महिलाएं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही थीं।
इस तरह 26 तारीख से 1 तारीख तक का यह सप्तरंगी कार्यक्रम, यानी कि सात रंगों ने मिलकर एक ऐसा इंद्रधनुष रच दिया था जिसने हर सहभागी के दिल में आत्मबल, नई दृष्टि और प्रेरणा का उजास भर दिया।
इस सप्तरंगी कार्यक्रम की प्रतिदिन की शुरुआत राष्ट्रीय महामंत्री ज्योति राठी के संचालन से होती थी। साथ ही अंतिम दिवस उन्होंने पूरे कार्यक्रम की सुंदर शब्दों में समीक्षा भी की। प्रतिदिन ज़ूम सभागार में 500 से अधिक लोगों की उपस्थिति कार्यक्रम की सफलता को दर्शाती थी। समिति प्रभारी अंजलि तापडिय़ा का अत्यधिक प्रयास, प्रदर्शक अनुसूया मालू का सहयोग व समिति सह प्रभारी ज्योति बाहेती, अनुराधा मालपाणी, चंचल राठी, सुमन जाजू, हंसा चितलांगिया, आभा बेली - सभी के प्रयास ने इंद्रधनुष के रंगों में रंग भर दिया था। संपूर्ण कार्यक्रम हेतु विदर्भ प्रदेश माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा ज़ूम प्रदान किया गया था।
राष्ट्रीय महामंत्री ज्योति राठी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।
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