गुरुकुल स्कूल बरेली के संचालक प्रशांत राठी ने बुजुर्गों संग मनाया अपना जन्मदिन
जहाँ आज के समय में जन्मदिन मनाने की होड़ में दिखावा और भौतिक सुख-सुविधाओं पर भारी खर्च किया जाता है, वहीं समाजसेवा की मिसाल बनकर उभरे गुरुकुल स्कूल बरेली के संचालक श्री प्रशांत राठी ने अपना जन्मदिन अत्यंत विनम्र, सार्थक और सेवा-भाव से प्रेरित तरीके से मनाकर सभी को प्रेरणा दी। प्रशांत राठी ने इस अवसर को व्यर्थ के खर्च या आयोजन में ना लगाते हुए, टीम पहल सेवा आश्रम के वरिष्ठ नागरिकों के साथ मिलकर मनाया। उन्होंने अपने स्वयं के खर्च पर सभी बुजुर्गों को भोजपुर शिव मंदिर एवं सलकनपुर शक्तिपीठ माता के दर्शन हेतु एक दिवसीय यात्रा पर लेकर गए। पूरी यात्रा में किसी भी बुजुर्ग को कोई आर्थिक भार नहीं उठाना पड़ा वाहन, भोजन, जलपान एवं अन्य व्यवस्थाएँ प्रशांत राठी द्वारा स्वयं की गईं। इस सेवा भाव से भरे आयोजन ने न केवल बुजुर्गों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी, बल्कि यह भी साबित किया कि जन्मदिन केवल उपहारों और आयोजनों का नहीं, अपनों के साथ आत्मीयता से समय बिताने और सेवा का अवसर हो सकता है। बुजुर्गों ने प्रशांत राठी को ढेरों आशीर्वाद दिए और भावुक स्वर में कहा कि वर्षों बाद किसी ने इतना अपनापन दिखाया है। यात्रा के दौरान हर बुजुर्ग की सुविधा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा गया। टीम पहल के सदस्य संदीप व्यास ने भी इस पुनीत कार्य के लिए प्रशांत राठी का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह जन्मदिन नहीं बल्कि एक यज्ञ था सेवा, भक्ति और संवेदना का यज्ञ। इससे समाज को यह सिख मिलती है कि असली सुख दूसरों की सेवा और मुस्कान में है। प्रशांत राठी के इस प्रयास से यह संदेश भी गया कि समाज में यदि हर व्यक्ति जन्मदिन जैसे व्यक्तिगत अवसर को सामाजिक सरोकारों से जोड़े, तो न केवल जीवन में सच्चा संतोष मिलेगा बल्कि समाज में सामूहिक संवेदना और सेवा की भावना भी पनपेगी।


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