लखीमपुर की पावन धरा पर श्रद्धा, संस्कृति और सामाजिक चेतना की त्रिवेणी में भीगा महेश नवमी महोत्सव
लखीमपुर की पुण्यभूमि पर माहेश्वरी समाज द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय महेश नवमी महोत्सव 2025 श्रद्धा, भव्यता और सामाजिक समरसता की अनुपम मिसाल बनकर संपन्न हुआ, जिसमें समाज के तीनों संगठनों—माहेश्वरी सभा, महिला संगठन और युवा संगठन ने एकसूत्रता, निष्ठा और समर्पण के साथ सहभागिता कर समाज को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान की। इस भावपूर्ण आयोजन का शुभारंभ 25 मई को युवा संगठन लखीमपुर शाखा द्वारा आयोजित बालकों और युवाओं की प्रतिभा को उभारने वाली दो विशिष्ट प्रतियोगिताओं ब्रेन ट्रेन क्विज और बोली में दम, मंच पर हम से हुआ, जिन्होंने प्रतिभागियों की मेधा, चिंतन और सामाजिक दृष्टिकोण की गहराई को दर्शाया। इसके पश्चात 4 जून को प्रभात बेला में श्री श्री सीताराम ठाकुरबाड़ी से भव्य प्रभातफेरी निकाली गई, जिसमें समाज के पुरुष श्वेत वस्त्रों और महिलाएं केसरिया परिधानों में सुसज्जित होकर नीलकण्ठेश्वर महादेव मंदिर पहुँचे, जहाँ पूजा, आरती और जलाभिषेक के साथ दिव्यता का भाव प्रवाहित हुआ और समाजजनों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर दीप प्रज्वलन कर महेश नवमी को वंशोत्सव के रूप में आत्मसात किया। 8 जून को वासुदेव कल्याण ट्रस्ट परिसर में आयोजित मुख्य समारोह की गरिमामयी शुरुआत रामगोपाल मालपानी (सभा अध्यक्ष), किरण देवी बजाज (महिला संगठन अध्यक्षा), अनिल लदड़ (युवा संगठन अध्यक्ष), नंदकिशोर राठी (अखिल भारतीय कार्यमंडल सदस्य), रामेश्वर तापडिय़ा (पूर्वोत्तर आंचल मंत्री) एवं मयंक झवर के करकमलों से दीप प्रज्वलन द्वारा हुई, मंच संचालन नंदकिशोर बजाज (सभा सचिव) और अनमोल लाखोटिया (महिला संगठन) ने संयत एवं प्रभावशाली शैली में किया, तत्पश्चात महिला संगठन की कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत "महेश वंदना" ने वातावरण को आध्यात्मिक रंगों से रँग दिया और हाल ही में पहलगांव में हुए आतंकी हमले में धर्म पूछकर मारे गए निर्दोष नागरिकों एवं समाज के दिवंगत आत्मीयजनों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर मानवीय संवेदना को स्वर मिला। इसके उपरांत सभा अध्यक्ष रामगोपाल मालपानी ने अपने भाषण में वैवाहिक आडंबर, प्री-वेडिंग शूट्स जैसे सामाजिक विचलनों पर चिंता व्यक्त करते हुए समाज को समय रहते आत्ममंथन का आग्रह किया और संगठन में घटती भागीदारी पर भी गहन विचार प्रकट किया, जिनकी पुष्टि महिला संगठन की अध्यक्षा किरण देवी बजाज व युवा संगठन के अध्यक्ष अनिल लदड़ ने अपने अपने वक्तव्यों में की। इसके बाद तीनों संगठनों के सचिवों द्वारा उनके कार्यकाल की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं सेवापरक गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया और समाज के मेधावी विद्यार्थियों व प्रतिभाशाली युवाओं को मंच पर सम्मानित किया गया, जिसके उपरांत नारायण लाखोटिया को सर्वसम्मति से युवा संगठन का अध्यक्ष चुने जाने पर पारंपरिक असमिया 'फुलाम गमछा' से सम्मानित किया गया। समारोह की सांस्कृतिक संध्या में संगीत, नृत्य और नाट्य की सशक्त प्रस्तुतियों से जहां समाज की सांस्कृतिक चेतना को संबल मिला, वहीं बेटी परणाओ, बहू पढ़ाओ और संगठन के प्रति समाज की उदासीनता जैसे गहन विषयों पर आयोजित विचार मंच में नंद किशोर बजाज, कमल बाहेती (बिहपुरिया), रामेश्वर तापडिय़ा, नंदकिशोर राठी, राजेश राठी, माणिकलाल दमानी, जयदीप चांडक (नारायणपुर), उमाकांत मालपानी, श्रीमती रजनी जाजू और रामगोपाल मालपानी जैसे प्रबुद्ध वक्ताओं ने सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत कर समाज को सोचने पर विवश किया। कार्यक्रम का समापन नंदकिशोर बजाज, किरण देवी बजाज, अनिल लद्धड़ एवं रामगोपाल मालपानी द्वारा सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगी समाज बंधुओं को आभार ज्ञापन और जन-गण-मन के साथ हुआ, जिसके पश्चात आत्मीय सहभोज में भारी संख्या में समाज बंधुओं की उपस्थिति ने परस्पर प्रेम, अपनत्व और एकता की भावना को नई ऊंचाई प्रदान की और इस भव्य आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया, जिसकी सफलता के लिए संयोजनकर्ता अजय मालपानी, पूजा लखोटिया एवं नारायण लखोटिया ने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले समस्त समाजबंधुओं का हृदयतल से आभार प्रकट किया। यह जानकारी राजेश राठी द्वारा प्रदान की गई।

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