श्री माहेश्वरी सभा, रॉंची ने विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन परंपरा का पुनर्जागरण कर रचा इतिहास


इस विजयादशमी पर संपूर्ण भारतवर्ष में पहली बार किसी सामाजिक संस्था द्वारा सामूहिक शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रांची माहेश्वरी सभा के आयोजन और श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर समिति, सेवा सदन पथ, रांची के संचालन में यह अनूठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमें अपने पूर्वजों से समृद्ध धार्मिक परंपराओं की विरासत प्राप्त हुई है। शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में रामायण का नवाह्न पारायण पाठ और प्रतिदिन रामायण जी की आरती का आयोजन तथा विजयादशमी के दिन सपरिवार शस्त्रों की पूजा हमारी इस धरोहर का हिस्सा रहा है। हालांकि आधुनिकता के प्रवाह में यह परंपरा कहीं पीछे छूट गई थी। इस वर्ष श्री माहेश्वरी सभा, माहेश्वरी महिला समिति एवं माहेश्वरी युवा संगठन रांची ने लक्ष्मीनारायण मंदिर समिति के सहयोग से विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की इस पवित्र परंपरा को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया।

सभा के आह्वान पर समाज के समस्त घरों में पहले परिवार के सदस्यों के साथ शस्त्र पूजा की गई और उसकी फोटो लेकर के समाज के पोर्टल पर डाला गया। इससे अन्य परिवारों को भी शस्त्र पूजन करने की प्रेरणा मिली। इसके बाद लक्ष्मी नारायण मंदिर में समाज के समस्त परिवारों ने अन्य समाज के सदस्यों के साथ मिलकर सामूहिक शस्त्र पूजा किया।

12 अक्टूबर 2024, शनिवार को प्रात: 11 बजे से 12 बजे तक लक्ष्मीनारायण मंदिर, सेवा सदन पथ में सामूहिक शस्त्र पूजन का भव्य आयोजन किया गया। इसके उपरांत हनुमान चालीसा, आरती और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। इस आयोजन में रांची के अन्य सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों को भी निमंत्रित किया गया और समाज के सभी वर्गों से लगभग 400 पुरुष और महिलाएं इस सामूहिक शस्त्र पूजन में सम्मिलित हुए।

शस्त्र पूजन का शुभारंभ आठ विद्वान पंडितों द्वारा गणेश वंदना, वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के साथ किया गया। इस पवित्र समारोह में श्री माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष श्री किशन साबू एवं सचिव श्री नरेंद्र लखोटिया, महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती भारती चितलांगिया एवं सचिव श्री विमल फलोड़ एवं युवा संगठन अध्यक्ष श्री विनय मंत्री एवं सचिव श्री हेमंत माहेश्वरी एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ रांची के कई गणमान्य नागरिकों ने भी भाग लिया। श्री सी.पी. सिंह (विधायक) के अलावा माहेश्वरी समाज के श्री जुगल किशोर मारू, श्री महावीर प्रसाद सोमानी, श्री पवन कुमार मंत्री, श्री राजकुमार मारू, श्री शिव शंकर साबू, श्री मुकेश काबरा, श्री मनोज कल्याणी, श्री अरविन्द सोमानी, श्री श्याम सुंदर बिहानी, श्री उमाशंकर बियानी, श्री बजरंग प्रसाद सोमानी, श्री भरत माहेश्वरी, श्री किशन चंद सोढानी, श्री किशन लाल धूत, श्री विभोर डागा, श्री बसंत लखोटिया, श्री श्यामसुंदर पेड़ीवाल, श्री अजय शंकर साबू, श्री प्रभात साबू, श्री राजेन्द्र बिड़ला, श्री किसन कुमार साबू, श्री गोवर्धन प्रसाद भाला, श्री बासुदेव प्रसाद भाला, श्री कपिल किशोर भाला, श्री हेमंत साबू, श्री शंकर लाल पेड़ीवाल, श्री उमाशंकर पेड़ीवाल, श्री अशोक साबू, श्री महावीर मंत्री, डॉ. आनंद चितलांगिया, श्री राम बांगर, श्री अंकुर डागा, श्री मनोज काबरा, श्री सुरेश सारडा, श्री राजेश साबू, श्री आदित्य बियानी, श्री रवि शारदा, श्री अमित मालपानी, श्री महेश भाला, श्री विनीत साबू, श्री अनिल साबू, श्री रुपेश भाला, श्री आशीष भाला, श्री माखन लाल बिड़ला, श्री साकेत बिहानी, श्री ओमप्रकाश बोड़ा, श्री श्रीप्रकाश काबरा, श्री बिनोद चितलांगिया, श्री आकाश चितलांगिया, श्री कुंजबिहारी चितलांगिया, श्री महेन्द्र चितलांगिया, श्री रामोतार चितलांगिया, श्री संजीव चितलांगिया, श्री जयकिशन गट्टानी, श्री राजेश हुरकट, श्री राजेश काबरा, श्री मनीष काबरा, श्री श्रवण परवाल, श्री गौतम राठी, श्रीमती भारती चितलांगिया, श्रीमती बिमला फलोड़, श्रीमती कुमुद लखोटिया, श्रीमती सीमा मालपानी, श्रीमती किरण माहेश्वरी, श्रीमती किरण साबू, श्रीमती अनिता साबू, श्रीमती पुष्पा साबू, श्रीमती मृदुला बियानी, श्रीमती शारदा लढ्ढा, श्रीमती सरिता चितलांगिया, श्रीमती विनीता बिहानी, सुश्री सखी बांगर, श्रीमती शिखा बिड़ला, श्रीमती भावना काबरा, श्रीमती सरला चितलांगिया, श्रीमती विनीता चितलांगिया, श्रीमती लक्ष्मी माहेश्वरी, श्रीमती राधा चितलांगिया, श्रीमती संतोष मंत्री, श्रीमती शशिकला सोमानी, श्रीमती खुश्बू भाला, श्री विनय मंत्री, श्री हेमंत माहेश्वरी, श्री पंकज साबू, श्री सौरभ साबू, श्री विपिन भाला, श्री प्रथम काबरा, श्री विकास काबरा, श्री गौरव काबरा, श्री अंकित काबरा, श्री नीरज चितलांगिया, श्री हर्षित चितलांगिया, श्री हिमांशु चितलांगिया, श्री मयूर शारदा एवं अन्य गणमान्य सम्मिलित हुए।

सभी की उपस्थिति ने इस आयोजन को सफल और प्रेरणादायी बनाया। माहेश्वरी सभा रांची की इस पहल ने समाज में हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के प्रति एक नई जागरूकता पैदा की है, जिसे भविष्य में और भी भव्य रूप देने का प्रयास किया जाएगा।

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